भारतीय सेना को बड़ी कामयाबी, 31 साल बाद त्राल से हिजबुल मुजाहिद्दीन का सफाया

By निखिल वर्मा | Published: June 26, 2020 11:15 PM2020-06-26T23:15:55+5:302020-06-26T23:15:55+5:30

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का दौर 1989 में शुरू हुआ था. इस समय जम्मू-कश्मीर में 10 से ज्यादा आतंकी संगठन सक्रिय हैं.

No Hizbul Mujahideen militant in south Kashmir's Tral now, first time since 1989 | भारतीय सेना को बड़ी कामयाबी, 31 साल बाद त्राल से हिजबुल मुजाहिद्दीन का सफाया

हिजबुल मुजाहिद्दीन जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा सशस्त्र समूह है (फाइल फोटो)

भारतीय सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर में बड़ी कामयाबी मिली है। 31 साल बाद दक्षिम कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इलाके त्राल से हिजबुल मुजाहिद्दीन का सफाया हो गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि 1989 के बाद यह पहला मौका है जब त्राल में हिजबुल का कोई आतंकी सक्रिय नहीं है। इससे पहले शुक्रवार (26 जून) को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में त्राल में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया। 

सेना के एक प्रवक्ता ने कहा,  सुरक्षा बलों ने अभियान चीवा में एक और आतंकवादी को मार गिराया। प्रवक्ता ने बताया कि मठभेड़ स्थल से दो एके-47 राइफल बरामद की गई। उन्होंने यह भी बताया कि अभियान अब भी जारी है। आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद गुरुवार को सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर जिले के त्राल के चीवा उलार इलाके में घेराबंदी एवं तलाश अभियान शुरू किया। तलाश अभियान ने उस समय मुठभेड़ का रूप ले लिया जब आतंकवादियों ने बल के खोजी दल पर गोलियां चला दीं। जवाब में दल ने भी गोलियां चलाईं। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को वहां से निकलने न देने के लिए रातभर सख्त घेराबंदी जारी रखी। 

सैयद सलाहुद्दीन ने किया था हिजबुल मुजाहिदीन का गठन

आतंकी सैयद सलाहुद्दीन हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख होने के साथ-साथ जिहाद काउंसिल का चेयरमैन भी है। सैयद सलाहुद्दीन ने साल 1987 में मुस्लिम मुताहिदा महज की तरफ से चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गया। इसके बाद वह कश्मीर में आतंक फैलाने लगा। साल 1994 सैयद पाकिस्तान पहुंचा, जहां उसने कश्मीर की आजादी के नाम पर मासूम लोगों का खून बहाना शुरू कर दिया।

अमेरिका ने 2017 में उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी करार दिया है। हिजबुल मुजाहिदीन ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें साल 2014 के अप्रैल महीने में हुए धमाके भी शामिल हैं जिसमें 17 लोग जख्मी हुए थे। यह जम्मू-कश्मीर का सबसे बड़ा सशस्त्र समूह है।
 

Web Title: No Hizbul Mujahideen militant in south Kashmir's Tral now, first time since 1989

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