निजामुद्दीन मरकज कोरोना संकट: तबलीगी नेताओं को समझाने खुद गए थे अजीत डोभाल, आधी रात शुरू हुई थी कार्रवाई
By निखिल वर्मा | Published: April 1, 2020 11:02 AM2020-04-01T11:02:14+5:302020-04-01T11:02:14+5:30
दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में एक धार्मिक समारोह में शामिल हुए कई लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. मरकज में भाग लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में लौटे तबलीगी कार्यकर्ता कोविड-19 के प्रसार में सहायक बने हैं.
पूरे देश भर में दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में सम्मिलित लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण के सामने आते जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने लगातार तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद से मरकज बिल्डिंग खाली करने को कह रही थी कि जिसे तबलीगी नेता अनसुना कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें मरकज के नेताओं से 23 मार्च को बात करते दिख रहे हैं। जब बात नहीं बनी तो गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मरकज मामले की कमान संभालने को कहा।
गृह मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के अनुसार, अजीत डोभाल 28-29 मार्च की रात दो बजे मरकज पहुंच थे और मौलाना साद से कहा था कि मौजूद लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट करवाएं और उन्हें क्वांरटाइन करें। अमित शाह और अजीत डोभाल स्थिति को पहले से जानते थे। क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों ने तेलंगाना के करीमनगर में 9 कोरोना वायरस पॉजिटिव इंडोनेशियाई नागरिक को ट्रैक किया था जो 18 मार्च को मरकज में मौजूद थे। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने मरकज इंफेक्शन को लेकर अगले दिन सभी राज्य पुलिस को सूचित कर दिया था।
हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, 27, 28, 29 मार्च को मरकज ने 167 तबलीगी कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराया था। उसके बाद अजीत डोभाल के हस्तक्षेप के बाद मस्जिद को खाली करने की प्रक्रिया शुरू हुई। अब मरकज ऑपरेशन फेज 2 में चला गया है। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि उन सभी विदेशी नागरिकों का पता लगाया जा रहा है जिन्होंने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है। दिल्ली के मरकज में 216 विदेशी नागरिक थे लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में इनकी संख्या 800 से ज्यादा है। इनमें से अधिकांश इंडोनेशिया, मलेशिया और बांग्लादेश के नागरिक हैं।
गृह मंत्रालय के अनुसार जनवरी के बाद से 2000 विदेशियों ने मरकज में भाग लिया था। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार सभी ने वीजा की शर्तों का उल्लंघन करते हुए पर्यटक वीजा पर प्रवेश किया था ना कि मिशनरी वीजा पर। अधिकारियों ने कहा कि बार-बार मिशनरी वीजा से प्रवेश करने की हिदायत दी गई थी लेकिन इसके बावजूद ऐसा हुआ। अब उन्हें फिर से देश में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा।
विदेशियों के अलावा, उन सभी भारतीयों की पहचान की जा रही है जो दिल्ली में मरकज में भाग लेते रहे हैं और उनके निकट आने वाले लोगों का भी पता लगाया जा रहा है। उन्हें कोविड-19 के संदिग्ध माना जा रहा है और क्वारंटाइन किया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन मरकज के लोगों से बैठक का वीडियो किया जारी
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (31 मार्च) को एक वीडियो जारी किया जिसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी निजामुद्दीन मरकज के सदस्यों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे आगंतुकों से अपने गृह क्षेत्र वापस जाने को कहें। ताकि कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर सामाजिक दूरी कायम करने के लिए जारी सरकारी आदेशों का पालन हो सके। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वीडियो 23 मार्च को हजरत निजामुद्दीन के थाना प्रभारी (एसएचओ) कार्यालय में बनाया गया था।
वीडियो में दिख रहा है कि एसएचओ मरकज के सदस्यों से बार-बार कह रहे हैं कि सभी धार्मिक स्थल बंद हैं और एक स्थान पर पांच से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते। वह मरकज के सदस्यों से कह रहे हैं कि इसके बावजूद उनकी इमारत में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हैं और यदि वे पुलिस की बात नहीं मानेंगे तो पुलिस को उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी पड़ेगी। वीडियो में पुलिस अधिकारी मरकज के सदस्यों को क्षेत्र को खाली करने का एक नोटिस भी दिखा रहे हैं।
वीडियो में एसएचओ मरकज के सदस्यों को सामाजिक दूरी बनाने की जरूरत के बारे में समझा रहे हैं और इमारत में रह रहे लोगों को निकालने के लिए एसडीएम से संपर्क करने को कह रहे हैं। बैठक के दौरान मरकज के सदस्यों में से एक एसएचओ को बीच में रोकता है और कहता है कि उन्होंने 1,500 लोगों को निकाल दिया है लेकिन लखनऊ, बिजनौर और वाराणसी के एक हजार लोग अभी भी इमारत में हैं। वीडियो में सदस्य कह रहे हैं कि लॉकडाउन के कारण आगंतुक इमारत खाली करने में असमर्थ हैं। अधिकारी उनसे कह रहे हैं कि वह एसडीएम से इस बारे में बात करेंगे।