पटना: बिहार में नई सरकार का गठन हो चुका है। नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ राजद के साथ नई सरकार बनाई है। नीतीश कुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने हैं। अब नई सरकार को विधान सभा में अपना बहुमत साबित करना पड़ेगा। इसकी तारीख भी तय हो गई है। नीतीश के नेतृत्व में गठित नई सरकार का बहुमत परीक्षण 24 अगस्त को होगा।
साल 2015 में राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले नीतीश कुमार ने 2017 में महागठबंधन तोड़ दिया था और भाजपा के साथ सरकार बना ली थी। जब नीतीश ने गठबंधन तोड़ भाजपा के साथ जाने का फैसला किया तो राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने उन्हें 'पलटूराम' करार दिया था और नीतीश को 'केंचुली छोड़ने वाला सांप' भी कहा था।
2020 में नीतीश ने विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ा और फिर से सरकार बनाई। लेकिन दो साल बाद ही भाजपा का साथ छोड़कर एक बार फिर से राजद का हाथ थाम लिया। तेजस्वी यादव से जब पूछा गया कि अचानक से नीतीश कुमार का मन कैसे बदला तो उन्होंने कहा, "देश का जो माहौल है, हर तरफ सांप्रदायिक तनाव है और गंगा जमुनी तहजीब पर खतरा है। लोकतंत्र और संविधान पर खतरा है। देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है। संवैधानिक संस्थाओं को तबाह किया जा रहा है। यह हम लोगों की ड्यूटी है कि किसी भी कीमत पर हम लोग समाजवादी लोगों का सहयोग करें। जब बिहार में यह सब घटनाक्रम हुआ तो नीतीश कुमार जी राज्यपाल को इस्तीफा सौंपकर आए। इसके बाद महागठबंधन में सब लोगों का उनके साथ जाने का मन बना।'
बता दें कि बिहार विधानसभा में सीटों के लिहाज से राजद सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में माना जा रहा है कि तेजस्वी के पास ही गृह विभाग की जिम्मेदारी रहेगी। इस संबंध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आप लोग इसकी चिंता कर रहे हैं?