नागपुर: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कर्नाटक के कांग्रेस सरकार के उस शैक्षिक पाठ्यक्रम संशोधन के प्रस्ताव की आलोचना की है, जिसमें सिद्धारमैया सरकार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डॉ हेडगेवार और स्वतंत्रा सेनानी वीर सावरकर के पाठ को हटा दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य सरकार के कदम को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताया है।
नितिन गडकरी नागपुर में विनायक दामोदर सावरकर पर लिखे एक पुस्तक के विमोचन समारोह में यह बात कही। गडकरी ने बीते शनिवार को कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि डॉ हेडगेवार और स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के चेप्टर को स्कूली पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं हो सकता है।"
मंत्री गडकरी की यह टिप्पणी उस वक्त में आयी है, जब कर्नाटक कैबिनेट ने गुरुवार को कक्षा 6 से 10 तक के सामाजिक विज्ञान और कन्नड़ पाठ्यपुस्तकों के संशोधन को मंजूरी दी, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव राव बलीराम हेडगेवार और हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर सहित अन्य के चेप्टर को हटा दिया गया है।
इससे पहले 15 जून को कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने स्कूली पाठ्यक्रम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार पर आधारित एक चेप्टर को हटाने की घोषणा की थी।
पाठ्यपुस्तक संशोधन पर मधु बंगारप्पा ने कहा, "शिक्षा मंत्रालय ने हेडगेवार पर पाठ्यक्रम हटा दिया गया है। पिछली सरकार ने पिछले साल जो भी बदलाव किए थे, हमने उन्हें बदल दिया है और पिछले साल से जो कुछ भी था, उसे फिर से शुरू किया है।"
शिक्षा मंत्री ने कहा, "हेडगेवार चैप्टर को हटा दिया गया है, उसके अलावा जो कुछ भी हेरफेर किया गया था उसे हटा दिया गया है और पिछले साल जो कुछ भी था उसे फिर से पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। सभी विवरण बहुत जल्द उपलब्ध होंगे।"
सिद्धारमैया सरकार ने चुनाव से पहले घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करते हुए स्कूली पाठ्यपुस्तकों में संशोधन को लागू करने के लिए गुरुवार को राजधानी बेंगलुरु में कैबिनेट की बैठक की। रिपोर्टों के अनुसार कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने कक्षा 10 की कन्नड़ पाठ्यपुस्तक से अध्याय को हटा दिया। वह अध्याय पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में राज्य के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था।