लोकसभा चुनाव 2019 के पहले निषाद पार्टी ने अधिकारिक तौर पर ये घोषणा कर दी है कि पार्टी एनडीए में शामिल होगी। निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में शामिल होने के सवाल पर कहा, 'यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे आश्वासन दिया है कि हमारी शिकायतों को सुना जाएगा और उनका समाधान भी निकाला जाएगा। निषाद पार्टी अपने चुनाव चिन्ह पर ही चुनाव लड़ेगी। एनडीए तय करेगा कि कौन और कहां से लड़ेगा' निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और पार्टी के अन्य नेताओं की लखनऊ में सीएम योगी से मुलाकात के बाद ये पहला बयान सामने आया है।
सपा- बसपा- रालोद गठबंधन में शमिल होने के महज तीन दिन बाद निषाद पार्टी 29 मार्च की रात अचानक महागठबंधन से अलग हो गयी और एक घंटे के अंदर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
इसलिए महागठबंध ने अलग हुई निषाद पार्टी
निषाद पार्टी के मीडिया प्रमुख निक्की निषाद उर्फ रितेश निषाद ने गोरखपुर में पीटीआई-भाषा से कहा कि ' निषाद पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच महाराजगंज लोकसभा सीट को लेकर मतभेद था, निषाद पार्टी इसे अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ना चाहती है जबकि समाजवादी पार्टी इसके लिये तैयार नहीं है।'
उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी के कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने को तैयार नही थे और उन लोगों ने पार्टी से इस्तीफा देना शुरू कर दिया था ।
उन्होंने बताया कि 'हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद जी गुरूवार शाम को लखनउ गये और उसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि निषाद पार्टी अब इस गठबंधन का हिस्सा नही है।'
निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद हैं और उनके पुत्र प्रवीण निषाद ने 2018 के में सपा के टिकट पर गोरखपुर से लोकसभा उपचुनाव जीता था। यह जीत इसलिये मायने रखती थी क्योंकि यह सीट उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपनी लोकसभा सीट थी और वह पहले कई बार इस सीट से सांसद रह चुके है।
सपा ने रामभुआल निषाद को गोरखपुर सीट से दिया टिकट
निषाद पार्टी से नाता टूटने के फौरन बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने गोरखपुर लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को अपना प्रत्याशी बनाया। सपा ने शनिवार को जारी सूची में गोरखपुर सीट से रामभुआल निषाद को टिकट दिया है। निषाद गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा बनने के पूर्व कौड़ीराम विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे हैं। वह साल 2007 में बनी बसपा सरकार में मत्स्य राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। निषाद गोरखपुर और आसपास के इलाकों में अपने समुदाय में काफी प्रभावशाली माने जाते हैं।