निर्भया की मां ने कहा-मुजरिमों को सपॉर्ट कर रहा है सिस्टम, कोर्ट परिसर में रोने लगीं
By भाषा | Updated: December 18, 2019 17:28 IST2019-12-18T17:28:38+5:302019-12-18T17:28:38+5:30
निर्भया की मां ने दोषियों की फांसी में देरी को लेकर सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया। कहा कि मुजरिमों को सपॉर्ट कर रहा है सिस्टम। उन्होंने कहा कि वह अदालत के फैसले से “निराश” हैं। उन्होंने कहा, “दोषियों को एक और मौका दिया गया। उनके अधिकारियों पर इतना क्यों विचार किया जा रहा है? हमारे अधिकारों का क्या?”

मामले में अगली सुनवाई की तारीख सात जनवरी, 2020 तय कर दी।
दिल्ली के सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले में चार दोषियों के खिलाफ मौत का फरमान जारी करने के विषय पर सुनवाई को अदालत द्वारा सात जनवरी के लिए स्थगित किये जाने के बाद निर्भया की मां बुधवार को पटियाला हाउस अदालत के बाहर अत्यंत भावुक और रोने लगीं।
निर्भया की मां ने दोषियों की फांसी में देरी को लेकर सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया। कहा कि मुजरिमों को सपॉर्ट कर रहा है सिस्टम। उन्होंने कहा कि वह अदालत के फैसले से “निराश” हैं। उन्होंने कहा, “दोषियों को एक और मौका दिया गया। उनके अधिकारियों पर इतना क्यों विचार किया जा रहा है? हमारे अधिकारों का क्या?” इससे पहले दोपहर में उन्होंने चार में से एक दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज किए जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया था।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: The court has given them (convicts) to time to seek remedy. Court is only looking at their (convicts) rights and not ours. There is no guarantee that a judgement will be given on next date of hearing. pic.twitter.com/Yk6ZmQRLJH
— ANI (@ANI) December 18, 2019
इस मामले में दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया गया था। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने चार दोषियों को फांसी पर लटकाने का फरमान सुनाने की दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई शुरू की। अदालत ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रति का इंतजार करेगी और फिर मामले में अगली सुनवाई की तारीख सात जनवरी, 2020 तय कर दी।
भावुक हुईं निर्भया की मां ने सुनवाई अगली तारीख के लिए टाले जाने पर निराशा जाहिर की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हम सात साल से लड़ रहे हैं और अदालत ने अपना फैसला देते वक्त हमारे अधिकारों पर विचार नहीं किया। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगली सुनवाई में भी अंतिम फैसला सुना दिया जाएगा।” वह अदालत के भीतर भी भावुक हो गईं थीं। उन्हें ढांढस बंधाते हुए, न्यायाधीश ने कहा, “मेरी आपके साथ पूरी सहानुभूति है। मैं जानता हूं कि किसी की जान गई है लेकिन उनके अधिकार भी हैं। हम यहां आपको सुनने के लिए हैं लेकिन हम कानून से भी बंधे हुए हैं।”
Delhi's Patiala House Court said this when Asha Devi,mother of 2012 gangrape victim, broke down in Court. https://t.co/9nXWyDgaWI
— ANI (@ANI) December 18, 2019
पटियाला हाउस अदालत द्वारा तिहाड़ जेल के अधिकारियों को चार सजायाफ्ता दोषियों से यह जानने का निर्देश देने से पहले कि वे राष्ट्रपति के समक्ष अपनी फांसी की सजा के खिलाफ दया याचिका दायर कर रहे हैं या नहीं, शीर्ष अदालत ने अक्षय कुमार सिंह की मौत की सजा को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला विचार योग्य नहीं है। उच्चतम न्यायालय के फैसले पर दी गई प्रतिक्रिया में निर्भया की मां ने कहा था, “मैं इससे बहुत खुश हूं। दोषियों को मृत्युदंड का फरमान जारी किये जाने के संबंध में पटियाला हाउस अदालत में एक सुनवाई होनी है और हमें उम्मीद है कि वह फैसला हमारे पक्ष में आएगा।”
हालांकि निर्भया के पिता ने कहा कि पटियाला हाउस अदालत से ‘डेथ वारंट’ जारी होने तक वह संतुष्ट नहीं होंगे । उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारा बहुत दुखदायी सफर रहा है। उच्चतम न्यायालय ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी लेकिन जब तक पटियाला हाउस अदालत मौत का फरमान जारी नहीं करती, तब तक हम खुश नहीं होंगे।
समूचा देश आरोपियों के लिए फांसी चाहता है।’’ गौरतलब है कि दिल्ली में सात साल पहले 16 दिसंबर की रात को एक नाबालिग समेत छह लोगों ने एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया का सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बस से बाहर सड़क के किनारे फेंक दिया था। इस घटना की निर्ममता के बारे में जिसने भी पढ़ा-सुना उसके रोंगटे खड़े हो गए। इस घटना के बाद पूरे देश में व्यापक प्रदर्शन हुए और महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर आंदोलन शुरू हो गया था।