निर्भया मामलाः जघन्य अपराध के दोषी देश के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं, केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा
By भाषा | Updated: February 1, 2020 19:53 IST2020-02-01T19:53:17+5:302020-02-01T19:53:17+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों को फांसी देने पर रोक लगाने वाले निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका पर शनिवार को चारो दोषियों से जवाब मांगा। अदालत रविवार को याचिका पर सुनवाई करेगी।

महानिदेशक (कारावास) के वकील ने अदालत को बताया कि उसके आदेश का पालन किया जाएगा।
केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि निर्भया गैंगरेप मामला भारत के इतिहास में दर्ज होगा जिसमें जघन्य अपराध के दोषी देश के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्च न्यायालय से कहा कि निर्भया मामले में दोषियों ने कानून की प्रक्रिया को मजाक बना दिया है, वे फांसी देने में विलंब के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया मामले में फांसी पर स्थगन को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर चारों दोषियों को नोटिस जारी किया, याचिका पर रविवार को सुनवाई होगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चार दोषियों को फांसी देने पर रोक लगाने वाले निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका पर शनिवार को चारो दोषियों से जवाब मांगा। अदालत रविवार को याचिका पर सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने चारों दोषियों मुकेश कुमार, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय सिंह को नोटिस जारी किया। अदालत ने महानिदेशक (कारावास) और तिहाड़ जेल के अधिकारियों को भी नोटिस भेजकर केंद्र सरकार की याचिका पर उनका रुख पूछा।
महानिदेशक (कारावास) के वकील ने अदालत को बताया कि उसके आदेश का पालन किया जाएगा। सुनवाई के दौरान सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि निर्भया मामले में दोषियों ने कानून की प्रक्रिया को मजाक की तरह लिया है और फांसी को लंबित कराने में लगे हैं। दोषियों को पहले एक फरवरी, शनिवार को फांसी दी जानी थी।