निर्भया केसः फांसी की सजा से बचने के लिए हथकंडा, दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले को sc में चुनौती देगा मुकेश

By स्वाति सिंह | Published: January 25, 2020 02:42 PM2020-01-25T14:42:43+5:302020-01-25T14:42:43+5:30

दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले के दोषियों के वकील की याचिका का निपटारा करते हुए शनिवार को कहा कि आगे किसी दिशा-निर्देश की आवश्यकता नहीं है।

Nirbhaya case: scuffle to avoid capital punishment, Mukesh will challenge President's decision to dismiss mercy petition | निर्भया केसः फांसी की सजा से बचने के लिए हथकंडा, दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले को sc में चुनौती देगा मुकेश

नई याचिका दायर कर कहा कि विनय को जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है।

Highlightsराष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील की।दोषियों के वकील द्वारा मांगे सभी संबंधित दस्तावेज मुहैया करा दिए गए हैं।

निर्भया मामले में चारों में दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह ने शनिवार को राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। दोषी मुकेश कुमार सिंह के वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि मुकेश कुमार सिंह ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका की अस्वीकृति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

निर्भया मामले में दोषियों को फांसी की सजा से बचाने के लिए आरोपी विनय के वकील ने कोर्ट में एक नई याचिका दायर कर कहा कि विनय को जेल में धीमा जहर दिया जा रहा है। इसके बाद मामले की सुनवाई कर कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। 

दूसरी तरफ सरकारी पक्ष के वकील का कहना है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने दोषियों से जुड़े सभी दस्तावेज समय पर सौंप दिए हैं। कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया और कहा कि सभी दस्तावेज सौंप दिए गए हैं, किसी नए निर्देश की जरूरत नहीं।

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाए दोषियों के वकील द्वारा मांगे सभी संबंधित दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं। पुलिस की ओर पेश हुए लोक अभियोजक ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय कुमार जैन को बताया कि दोषी केवल ‘‘विलंब करने की तरकीब’’ अपना रहे हैं। मामले में चार दोषियों में से तीन की ओर से पेश हुए वकील ने शुक्रवार को अदालत का रुख करते हुए आरोप लगाया कि तिहाड़ जेल के अधिकारी कुछ दस्तावेज नहीं दे रहे हैं और इसी वजह से उन्हें दया तथा सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने में देरी हो रही है।

ए. पी. सिंह ने आरोप लगाया कि जेल अधिकारियों ने अभी वे दस्तावेज नहीं दिए हैं जो विनय कुमार शर्मा (26) के लिए दया याचिका और अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन सिंह (25) के लिए सुधारात्मक याचिकाएं दायर करने के लिए आवश्यक हैं। उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में दो अन्य दोषियों विनय और मुकेश सिंह (32) की सुधारात्मक याचिकाएं खारिज कर दी थीं। राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी। अदालत के आदेश के अनुसार, सभी चारों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी होनी है।

पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में वीभत्स सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। इस लड़की को काल्पनिक नाम ‘निर्भया’ से जाना गया।

Web Title: Nirbhaya case: scuffle to avoid capital punishment, Mukesh will challenge President's decision to dismiss mercy petition

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