निर्भया केस: दोषी मुकेश का विकल्प हुआ खत्म, जानें फांसी को लेकर आगे की कार्रवाई क्या हो सकती है

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 29, 2020 01:03 PM2020-01-29T13:03:43+5:302020-01-29T13:03:43+5:30

ऐसे में साफ है कि अक्षय के बाद बाकी दो लोग भी अपने लिए कोर्ट में क्यरेटिव पिटिशन दाखिल करेंगे। अब देखना यह है कि कोर्ट इस मामले को कितना जल्दी निपटाती है। 

Nirbhaya case: guilty Mukesh's option is over, know what further action can be taken on hanging | निर्भया केस: दोषी मुकेश का विकल्प हुआ खत्म, जानें फांसी को लेकर आगे की कार्रवाई क्या हो सकती है

कोर्ट ने दोषी मुकेश की याचिका को खारिज किया

Highlightsसुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी मुकेश की याचिका बुधवार को खारिज किए जाने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि 1 फरवरी को सभी दोषियों को फांसी की सजा हो जाएगी।आशा देवी ने कहा कि देश के कानून का गलत फायदा दोषी उठा रहे हैं।

निर्भया मामले में एक दोषी मुकेश की दया याचिका को चुनौती देने वाले पिटिशन को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इसके बाद बाकी बचे तीन दोषियों के पास क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने का मौका बचा हुआ है। फांसी की तय दिन से दो दिन पहले दोषी अक्षय ने क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की है।

ऐसे में साफ है कि अक्षय के बाद बाकी दो लोग भी अपने लिए कोर्ट में क्यरेटिव पिटिशन दाखिल करेंगे। अब देखना यह है कि कोर्ट इस मामले को कितना जल्दी निपटाती है। 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी मुकेश की याचिका बुधवार को खारिज किए जाने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि 1 फरवरी को सभी दोषियों को फांसी की सजा हो जाएगी और मुझे इंसाफ मिल जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश के कानून का गलत फायदा दोषी उठा रहे हैं।

निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में दोषी मुकेश कुमार सिंह की आखिरी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी। दोषी मुकेश ने दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कोर्ट इस याचिका पर बुधवार को अपनी व्यवस्था देने की बात कही थी। 

दिल्ली में 2012 में हुये इस जघन्य अपराध के लिये चार मुजरिमों को अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी। इन दोषियों में से एक मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी जिसके खिलाफ इस दोषी ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है। 

न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने इस याचिका पर मुकेश कुमार सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश और केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस पर निर्णय बुधवार को सुनाया जायेगा। 

केन्द्र ने मुकेश कुमार सिंह की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये पीठ से कहा कि इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले के साथ जेल में दुर्व्यवहार दया का आधार नहीं हो सकता है। सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस आरोप का गलत बताया कि दोषी मुकेश कुमार सिंह को जेल में एकांत में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने इस दोषी की दया याचिका के साथ सारा रिकार्ड राष्ट्रपति के पास भेजा था। 

मेहता ने कहा कि इस तरह के मामलों में न्यायिक समीक्षा का शीर्ष अदालत का अधिकार बहुत ही सीमित है और दोषी की दया याचिका पर फैसले में विलंब का अमानुषिक असर पड़ सकता था। सालिसीटर जनरल ने पीठ से कहा कि राष्ट्रपति को दया के बारे में खुद को आश्वस्त करना होता है और प्रत्येक प्रक्रिया को नहीं देखना होता।

इससे पहले, दोषी मुकेश कुमार सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने दावा किया कि उसकी दया याचिका पर विचार के समय राष्ट्रपति के समक्ष सारे तथ्य नहीं रखे गये। इस पर पीठ ने मुकेश के वकील से सवाल किया कि वह यह दावा कैसे कर सकती हैं कि राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका पर विचार के समय सारे तथ्य नहीं रखे गये थे। पीठ ने सवाल किया, ‘‘आप कैसे कह सकती हैं कि ये तथ्य राष्ट्रपति महोदय के समक्ष नहीं रखे गये थे? आप यह कैसे कह सकती हैं कि राष्ट्रपति ने सही तरीके से विचार नहीं किया?’’ 

Web Title: Nirbhaya case: guilty Mukesh's option is over, know what further action can be taken on hanging

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