'गजवा-ए-हिंद' मामले में एनआईए ने बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की
By रुस्तम राणा | Updated: July 2, 2023 18:07 IST2023-07-02T17:50:14+5:302023-07-02T18:07:37+5:30
एनआईए ने बिहार में दरभंगा, पटना समेत तीन स्थानों पर तलाशी ली। इसके साथ ही गुजरात के सूरत और यूपी के बरेली में संदिग्ध व्यक्तियों के घरों पर की गई।

'गजवा-ए-हिंद' मामले में एनआईए ने बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश में छापेमारी की
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 'गजवा-ए-हिंद' मामले की जांच के तहत रविवार को बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश में पांच स्थानों पर छापेमारी की। इस मामले में पाकिस्तानी संदिग्धों द्वारा संचालित एक कट्टरपंथी मॉड्यूल शामिल है। एनआईए ने बिहार के दरभंगा में एक और पटना में दो स्थानों पर तलाशी ली। इसके साथ ही गुजरात के सूरत और यूपी के बरेली में संदिग्ध व्यक्तियों के घरों पर की गई।
एनआईए ने कहा कि छापेमारी के दौरान डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन, मेमोरी कार्ड), सिम कार्ड और दस्तावेजों सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। यह मामला बिहार पुलिस द्वारा पटना जिले के फुलवारीशरीफ इलाके के मरघूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ्तारी के बाद सामने आया, मामले को पिछले साल 14 जुलाई को दर्ज किया गया था।
एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और पिछले साल 22 जुलाई को इसे फिर से दर्ज किया और इस साल 6 जनवरी को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत मारघूब पर आरोप पत्र दायर किया गया।
National Investigation Agency (NIA) today conducted raids at multiple locations across three states in connection with ‘Ghazwa-e-Hind’, a radicalized module, being run by Pakistan-based suspects.
— ANI (@ANI) July 2, 2023
एनआईए ने कहा, आरोपी को 'गजवा-ए-हिंद' मॉड्यूल का सदस्य पाया गया, जो पाकिस्तान स्थित गुर्गों द्वारा संचालित किया गया था, जिसका उद्देश्य भारतीय क्षेत्र पर गजवा-ए-हिंद की स्थापना के लिए प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाना था।
जांच से पता चला कि मरगूब एक व्हाट्सएप ग्रुप 'गज़वा-ए-हिंद' का एडमिन था, जिसे जैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था। एनआईए ने कहा, "मरघूब ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए देश में स्लीपर सेल स्थापित करने के उद्देश्य से कई भारतीयों, पाकिस्तानियों, बांग्लादेशियों और यमनी नागरिकों को समूह में जोड़ा था।
इसमें आगे कहा गया कि आरोपी ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर पर 'गज़वा-ए-हिंद' के विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप बनाए थे। एनआईए ने कहा, आगे की जांच से पता चला कि मामले में शामिल विभिन्न संदिग्ध पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स के संपर्क में थे और गजवा-ए-हिंद के विचार का प्रचार करने में शामिल थे।