विश्व में सर्वाधिक प्रगतिशील अधिकरणों में एक के तौर पर एनजीटी को मिली मान्यता : न्यायालय
By भाषा | Updated: October 7, 2021 21:36 IST2021-10-07T21:36:50+5:302021-10-07T21:36:50+5:30

विश्व में सर्वाधिक प्रगतिशील अधिकरणों में एक के तौर पर एनजीटी को मिली मान्यता : न्यायालय
नयी दिल्ली, सात अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को विश्व में सर्वाधिक प्रगतिशील अधिकरणों में एक के तौर पर मान्यता मिली है।
न्यायालय ने कहा कि इसके साथ ही भारत व्यापक शक्तियों वाले इस तरह के संस्थानों को स्थापित करने वाले राष्ट्रों के विशेष समूह में शामिल हो गया है।
शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा कि अधिकरण न सिर्फ निर्णय करने वाली संस्था है, बल्कि उसे प्रकृति के संरक्षण, उपाय और पर्यावरण को बेहतर बनाने में व्यापक काम करना है।
न्यायालय ने कहा कि अधिकरण को राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम के तहत अपना कामकाज करने के लिए स्वत: संज्ञान के साथ शक्तियां प्राप्त हैं।
जलवायु परिवर्तन पर पर्यावरण प्रभाव के मुद्दे का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर ने कहा कि निकट भविष्य में इस तरह के बदलाव के प्रति बढ़ती सुभेद्यता कई अन्य देशों में भी है, जो जलवायु आपात स्थिति की घोषणा कर रहे हैं।
पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति रिषीकेश रॉय और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार भी शामिल हैं। पीठ ने इस सवाल पर विचार करते हुए फैसला सुनाया कि क्या एनजीटी के पास अधिनियम के तहत अपने कार्यों का निष्पादन करने के लिए स्वत: संज्ञान वाला क्षेत्राधिकार है।
न्यायालय ने 77 पृष्ठों के अपने फैसले में यह भी कहा कि स्वत: संज्ञान के साथ शक्तियों का अधिकरण द्वारा इस्तेमाल करना संवैधानिक अदालतों की शक्तियों से अलग है।
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