बिहार में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को मंजूरी मिली, अब सीधे राज्य सरकार के अधीन होंगे शिक्षक
By एस पी सिन्हा | Published: April 10, 2023 05:12 PM2023-04-10T17:12:25+5:302023-04-10T17:14:06+5:30
इस नियमावली में शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों व नगर निकायों से वापस ले लिया गया है। पूरी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी, त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से केंद्रीयकृत एवं निष्पक्ष आयोग से कराने की रूपरेखा तैयार की गई है।
पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली की मंजूरी दी गई है। इससे सूबे में तकरीबन तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि अभी सिर्फ नियमावली को मंजूरी मिली है, नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला नहीं लिया गया है। नई नियमावली में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
सरकार शिक्षक नियुक्ति के लिए आयोग बनायेगी जो शिक्षकों की नियुक्ति करेगा। इसके साथ ही राज्य कर्मियों के महंगाई भत्ता में भी इजाफा किया गया है। पिछले 2 माह के दौरान हुई कई कैबिनेट की बैठक में नियमावली को पेश करने की चर्चा थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षक पहले पंचायती राज या नगर निकाय के अधीन होते थे, अब वे सीधे राज्य सरकार के अधीन होंगे और राज्यकर्मी कहलायेंगे।
राज्य सरकार ने शिक्षक नियुक्ति को लेकर सभी नियोजन इकाई भंग कर दी है। किसी अन्य इकाई से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी। बिहार सरकार की नई नियमावली होगी। आयोग परीक्षा लेगा। शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में सीटीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थी शामिल होंगे। बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशानिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 की स्वीकृति दी गई है। इस नियमावली में शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों व नगर निकायों से वापस ले लिया गया है। पूरी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी, त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से केंद्रीयकृत एवं निष्पक्ष आयोग से कराने की रूपरेखा तैयार की गई है।
पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाइयां थीं, जबकि नई नियमावली में नियोजन इकाइयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर अर्थात 38 रह जाएगी। सरकार नियुक्ति के लिए आयोग बनायेगी। अब अभ्यर्थियों को उसी आयोग में केवल एक आवेदन करना होगा। इसी में वे स्कूलों में पदस्थापन का विकल्प रखेंगे, जबकि पहले एक अभ्यर्थी कई नियोजन इकाइयों में आवेदन करने को मजबूर होता था। वहीं, बिहार में वेतन एवं पेंशन प्राप्त कर रहे हैं लोगों को 1 जनवरी 2023 के प्रभाव से 38 फीसदी की जगह 42 फीसदी महंगाई भत्ता की स्वीकृति दी गई है। यानी कि महंगाई भत्ता 4 फीसदी बढ़ाया गया है।