"अवैध धन जुटाने के लिए मनीष सिसोदिया और 'आप' ने लागू की थी नई आबकारी नीति", ईडी ने किया दावा
By अंजली चौहान | Published: June 1, 2023 09:57 AM2023-06-01T09:57:50+5:302023-06-01T10:00:44+5:30
दिल्ली आबकारी नीति घोटाले मामले में ईडी ने मनीष सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगाए है। ईडी का कहना है कि मनीष सिसोदिया और आप ने अवैध धन जुटाने के लिए आबकारी नीति लागू की थी।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच जारी है और केस में नए-नए खुलासे हो रहे हैं।
इंडिया टुडे के मुताबिक, ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले को लेकर बड़ा दावा किया है और कहा कि 'आप' और विशेष रूप से पूर्व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा लगातार अवैध धन उत्पन्न करने के लिए 2021-22 आबकारी नीति को लागू किया गया था।
जांच एजेंसी ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया पर मामले में शामिल एक अभियुक्त से "रिश्वत" प्राप्त करने का भी आरोप लगाया और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इन्हें "अपराध की आय" करार दिया।
प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी शिकायत में कहा कि अमित अरोड़ा ने दिनेश अरोड़ा के माध्यम से मनीष सिसोदिया को जीओएम रिपोर्ट/उत्पाद नीति 2021-22 में अपने पक्ष में नीतिगत बदलाव प्राप्त करने के लिए 2.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह रकम सीधे सरकारी अधिकारी को रिश्वत या किकबैक है और पीएमएलए, 2002 की धारा 2(1) (यू) के तहत अपराध की आय मानी जाती है। इस तरह, मनीष सिसोदिया ने अपराध की इस आय के निर्माण में भाग लिया है।
गौरतलब है कि अमित अरोड़ा शराब कंपनियों बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, पॉपुलर स्पिरिट्स और केएसजेएम स्पिरिट्स एलएलपी के प्रमोटर हैं, जबकि दिनेश अरोड़ा को सिसोदिया का करीबी बताया जाता है।
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को इस पांचवें चार्जशीट (पहले सिसोदिया को आरोपी के रूप में नामजद) पर संज्ञान लिया और 51 वर्षीय के खिलाफ 1 जून के लिए पेशी वारंट जारी किया, जिसमें कहा गया कि प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं।
मार्च से ही न्यायिक हिरासत में मनीष सिसोदिया
जानकारी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने के बाद से मनीष सिसोदिया केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच का सामना कर रहे हैं। आप नेता को ईडी ने 9 मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह बंद थे क्योंकि सीबीआई ने उन्हें इसी मामले में गिरफ्तार किया था। मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट भी दायर है जिसमें उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया है।
इस चार्जशीट में कहा गया है कि सिसोदिया ने अपराध की आय (2.2 करोड़ रुपये) हासिल की और उसी को छुपाने में की कोशिश भी। आगे कहा गया है कि आबकारी नीति "कुछ निजी संस्थाओं या खिलाड़ियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के इरादे से तैयार की गई थी" और "अवैध और आपराधिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए जानबूझकर खामियों" के साथ बनाई गई थी।
ईडी ने सिसोदिया पर "जांच को बाधित करने और सबूत मिटाने के लिए डिजिटल सबूतों को नष्ट करने" में शामिल होने का भी आरोप लगाया। इसके अलावा सीबीआई ने भी मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में केस दर्ज किया है जिसमें उन पर आरोप है कि घोटाले के समय उन्होंने 4 मोबाइल फोन / आईएमईआई का इस्तेमाल किया और बाद में उसे नष्ट भी कर दिया। एजेंसी ने कहा कि इसकी जांच में पाया गया कि इन 14 मोबाइल फोन पर 43 सिम का इस्तेमाल किया गया था।