नई दिल्लीः इंडिया हैबिटेट सेंटर में 12 सितंबर को होगी 'हिंदी को फर्क पड़ता है' विषय पर चर्चा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 6, 2023 06:58 PM2023-09-06T18:58:01+5:302023-09-06T18:59:01+5:30
परिचर्चा में सम्पादक व भाषा विशेषज्ञ राहुल देव, इतिहासकार व सिनेमा विशेषज्ञ रविकान्त, स्त्री विमर्शकार सुजाता, आर.जे. व भाषा विशेषज्ञ सायमा तथा सम्पादक-प्रकाशक शैलेश भारतवासी से निर्धारित विषय पर मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार बातचीत करेंगे।
नई दिल्लीः राजकमल प्रकाशन समूह और इंडिया हैबिटेट सेंटर साझा पहल के तहत विचार-बैठकी की मासिक शृंखला 'सभा' के आयोजन की शुरुआत कर रहे हैं। इस कड़ी में पहली परिचर्चा 12 सितंबर 2023, मंगलवार को शाम 7 बजे से इंडिया हैबिटेट सेंटर के गुलमोहर सभागार में आयोजित होगी।
'सभा' का यह पहला आयोजन 'हिंदी को फ़र्क़ पड़ता है' विषय पर केन्द्रित होगा। इस परिचर्चा में सम्पादक व भाषा विशेषज्ञ राहुल देव, इतिहासकार व सिनेमा विशेषज्ञ रविकान्त, स्त्री विमर्शकार सुजाता, आर.जे. व भाषा विशेषज्ञ सायमा तथा सम्पादक-प्रकाशक शैलेश भारतवासी से निर्धारित विषय पर मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार बातचीत करेंगे।
विचार-बैठकी की मासिक शृंखला 'सभा' के तहत हर महीने साहित्य, संस्कृति, कला, पर्यावरण आदि क्षेत्रों के मौज़ू मसलों पर गम्भीर और सार्थक चर्चा आयोजित की जाएगी। 'सभा' की पहली परिचर्चा का विषय हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में हिन्दी भाषा के सामने मौजूद चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर केन्द्रित रखा गया है।
इस परिचर्चा में हिन्दी भाषा से जुड़ीं उन चिन्ताओं पर बात होगी जो अपने आप में बहुत गंभीर होने के बावजूद अब तक मुख्य विमर्श से नदारद रहीं हैं। प्रश्न हिन्दी की मानिकीकरण का हो या व्हाट्सएप वाली हिंदी/हिंग्लिश के चलन का मसला, बोलचाल में क्षेत्रीयता का प्रभाव हो या लेखन में लेखकीय छूट का प्रश्न―आदि ऐसे कई बिंदु हैं जो समय-समय पर हिन्दी की जातीय पट्टी में रहने वाले लोगों के बीच उठते रहते हैं। मसलन चाँद/चांद लिखें या chaand? आख़िर वह कौन-सी चीज़ें हैं जिनसे हिंदी को फ़र्क़ पड़ता हैं?
सवाल यह भी है कि फ़र्क़ पड़ता भी है या नहीं? 'सभा' की इस बैठकी में इसी तरह के सवालों के जवाब जानने की कोशिश होगी।राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने बताया कि हम हमेशा से इस तरह की नियमित वैचारिक गोष्ठी करने के पक्षधर रहे हैं, जिसमें सामयिक महत्व के जरूरी और प्रासंगिक विषयों पर चर्चा-परिचर्चा की जाए।
हमने पूर्व में ऐसी अनेक गोष्ठियाँ की है। हमें प्रसन्नता है कि अब इंडिया हैबिटेट सेंटर के साथ मिलकर एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं। 'सभा' का आयोजन हर महीने इंडिया हैबिटेट सेंटर के गुलमोहर सभागार में होगा। इस कड़ी में पहली परिचर्चा 'हिन्दी को फर्क़ पड़ता है' विषय पर केन्द्रित रखा गया है। मुझे आशा है कि इस परिचर्चा के माध्यम से हिन्दी से जुड़ी चिंताएं मुख्यधारा में शामिल होंगी और नई राहें खुलेंगी।