'प्रधानमंत्री कार्यालय में दबा है नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु का राज'

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 17, 2018 09:26 IST2018-12-17T07:53:32+5:302018-12-17T09:26:45+5:30

इन फाइलों में 12 हजार से ज्यादा पन्ने हैं लेकिन इन फाइलों में नेताजी की मृत्यु से जुड़ी रिपोर्ट नहीं है बल्कि उनके परिजनों, रिश्तेदारों के संदर्भ में गुप्तचर विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट है.

Netaji Subhash Chandra Bose death secrete file in Prime Minister's Office | 'प्रधानमंत्री कार्यालय में दबा है नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु का राज'

फाइल फोटो

Highlightsलालबहादुर शास्त्री की हुई थी हत्या, लेखक अनुज धर ने साधा सरकार पर निशानाउत्तर प्रदेश राज्य, केंद्रीय मंत्री, गुप्तचर विभाग, खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को शिष्टाचार के तौर पर विविध विषयों पर सलाह लेने और नजर रखने के लिए नेताजी से मिलने भेजा जाता था.

प्रधानमंत्री कार्यालय के कब्जे में सौ से अधिक फाइलें हैं, जिन्हें दबाने की बजाय सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की रहस्यमयी मृत्यु पर से पर्दा उठ सके. ये फाइलें बाहर आने पर ही नेताजी की मृत्यु का सच जनता जान पाएगी यह मत चिंतक एवं लेखक अनुज धर ने व्यक्त किया. कलाश्रय की ओर से प्रमिलाताई ओक हॉल में रविवार को 'नेताजी रहस्य गाथा' विषय पर नई दिल्ली के अनुज धर का व्याख्यान आयोजित किया गया था.

दृक-श्राव्य माध्यमों के माध्यम से धर ने नेताजी की मृत्यु से जुड़े कई पहलुओं पर सबूतों के साथ रौशनी डाली. लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के संदर्भ में भी रोचक जानकारी दर्शकों के सामने रख चुके हैं. नेताजी बोस की मृत्यु से संबंधित फाइल गुप्त सूची से हटाई गई है. इस विषय का धर ने गहन अध्ययन किया है. कोलकाता में राज्य सरकार ने करीब 64 फाइलें सार्वजनिक की हैं.

इन फाइलों में 12 हजार से ज्यादा पन्ने हैं लेकिन इन फाइलों में नेताजी की मृत्यु से जुड़ी रिपोर्ट नहीं है बल्कि उनके परिजनों, रिश्तेदारों के संदर्भ में गुप्तचर विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट है. भारत की आजादी के पहले और बाद के दस्तावेज भी हैं. नेताजी की मृत्यु से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज केंद्र सरकार के पास हैं. पश्चिम बंगाल और उड़ीसा सरकार के पास कई दस्तावेज हैं लेकिन उन दस्तावेजों से कोई खास जानकारी नहीं मिलती.

अनुज धर के अनुसार सरकार के सम्पर्क में रहने वाले एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि ''प्रधानमंत्री के पास एक अति गोपनीय फाइल है', जिसमें बोस की मृत्यु का रहस्य छिपा है.'' यह दावा भी धर ने किया. फैजाबाद के साधु भगवन कोई और नहीं बल्कि नेताजी बोस ही थे, इसलिए सरकार ने उनसे सम्पर्क बनाए रखा था.

उत्तर प्रदेश राज्य, केंद्रीय मंत्री, गुप्तचर विभाग, खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को शिष्टाचार के तौर पर विविध विषयों पर सलाह लेने और नजर रखने के लिए नेताजी से मिलने भेजा जाता था. भगवन के दातों की डीएनए रिपोर्ट में भी अधिकारियों द्वारा गड़बड़ी किए जाने का आरोप धर ने किया.

कार्यक्रम में वक्ता का परिचय कलाश्रय के राजीव बियाणी ने कराया. बॉक्स हवाई जहाज का हादसा हुआ ही नहीं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु के संदर्भ में फैली गलतफहमियां आज वर्ष 2018 में भी बरकरार हैं. जानबूझकर सरकार द्वारा सच जनता से छिपाए जाने का आरोप लेखक अनुज धर ने किया है.

रविवार को स्थानीय होटल में आयोजित पत्रकार परिषद में धर ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस और लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु के मामलों पर रौशनी डाली. 1945 में 18 अगस्त को ताइवान के कथित हवाई जहाज के हादसे में नेताजी की मृत्यु होने की जानकारी उस समय जनता को दी गई थी लेकिन ताइवान सरकार ने कहा कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान में कोई हवाई जहाज का हादसा ही नहीं हुआ.

धर के अनुसार भारत सरकार को सब पता है फिर भी नेताजी की मृत्यु के रहस्य से पर्दा नहीं उठाया जा रहा. धर के अनुसार लालबहादुर शास्त्री जी की मृत्यु भी प्राकृतिक नहीं थी बल्कि उनकी हत्या की गई थी.

Web Title: Netaji Subhash Chandra Bose death secrete file in Prime Minister's Office

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