प्रवासी कामगारों के पंजीकरण काम में तेजी लाने की जरूरत: न्यायालय

By भाषा | Published: May 24, 2021 02:19 PM2021-05-24T14:19:08+5:302021-05-24T14:19:08+5:30

Need to speed up registration work of migrant workers: Court | प्रवासी कामगारों के पंजीकरण काम में तेजी लाने की जरूरत: न्यायालय

प्रवासी कामगारों के पंजीकरण काम में तेजी लाने की जरूरत: न्यायालय

नयी दिल्ली, 24 मई उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि प्रवासी कामगारों के पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद धीमी है और इसमें तेजी लाई जानी चाहिए ताकि उन्हें कोविड-19 महामारी के बीच योजनाओं का लाभ दिया जा सके।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह असंगठित क्षेत्रों के कामगारों के पंजीकरण के मुद्दे पर केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से ‘‘खुश नहीं है।’’

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने प्रवासी और असंगठित क्षेत्रों के कामगारों के पंजीकरण की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि योजनाओं का लाभ उन्हें तभी मिल सकता है जब अधिकारी उनकी पहचान करके उनका पंजीकरण कर लेंगे।

पीठ ने कहा ,‘‘ पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद धीमी है। हम असंगठित क्षेत्रों में कामगारों के पंजीकरण के मुद्दे पर केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रयासों से संतुष्ट नहीं हैं।’’

न्यायालय ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि योजनाओं का लाभ प्रवासी कामगारों सहित सभी पात्र लोगों को मिले और पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जानी चाहिए।

गौरतलब है कि पीठ तीन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से दाखिल आवेदन पर सुनवाई कर रही थी जिसमें प्रवासी कामगारों को खाद्य सुरक्षा, नकदी हस्तांतरण, परिवहन सुविधा तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित करने के निर्देश केन्द्र और राज्य सरकारों को देने का अनुरोध किया गया है।

न्यायालय ने कहा कि उसने पिछले वर्ष प्रवासी कामगारों के पंजीकरण के संबंध में निर्देश जारी किए थे। पीठ ने कहा कि योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारियों को पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए और सरकारों को भी इसे तेजी से निपटाने के लिए इन कामगारों तक पहुंचना चाहिए।

पीठ ने कहा,‘‘ हम चाहते हैं कि यह प्रक्रिया पूरी हो जाए । हम यह भी चाहते हैं कि संगठित क्षेत्र के सभी कामगारों का भी पंजीकरण हो। हम सरकरों से प्रक्रिया में तेजी लाने को कहेंगे।’’

पीठ ने कहा,‘‘ हम कार्य मुश्किल है,लेकिन इसे पूरा किया जाना होगा। हमारा मुख्य लक्ष्य यह है कि उनके लिए बनाए गए लाभ उन तक पहुंचे।’’

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई में पीठ ने गुजरात की ओर से पेश वकील से कहा कि अगर कामगारों के पंजीकरण की प्रक्रिया में ठेकेदार और कामगार सहयोग नहीं कर रहे हैं तो राज्य सरकारों को उनके लाइसेंस रद्द करने पर विचार करना चाहिए।

पीठ ने कहा,‘‘अदालत इस बाद के लिए दृढ़ है कि योजनाओं का लाभ लक्षित व्यक्ति तक पहुंचे।’’ साथ ही पीठ ने कहा कि इस मामले में वह दिन में आदेश पारित करेगी।

पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि शीर्ष अदालत 2018में एक अन्य मामले से रूबरू हुई थी जिसमें श्रम मंत्रालय ने कहा था कि उसने असंगठित क्षेत्रों के कामगारों के लए राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने का काम शुरू किया है।

पीठ ने मेहता से असंगठित क्षेत्र के कामगारों के डेटाबेस की वर्तमान स्थिति बताने का निर्देश दिया। इस पर मेहता ने कहा कि वह वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करके न्यायालय को इससे अवगत करायेंगे।

याचिकाकर्चाओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि उन्होंने कुछ राज्यों की ओर से दायर हलफनामें देखें है।

भूषण ने कहा,‘‘ राज्यों और केन्द्र के हलफनामों से एक दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य सामने आता है कि उन्होंने ‘आत्म निर्भर भारत योजना’ की दोबारा शुरुआत नहीं की हैं,जो उन्होंने पिछले वर्ष शुरू की थी।’’

भूषण ने कहा कि प्रवासी कामगारों को सूखा राशन मुहैया कराया जाना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Need to speed up registration work of migrant workers: Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे