जींद (हरियाणा), 11 मार्च हरियाणा विधानसभा में भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बीरेद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को दल-बदल कानून पर पुन:विचार करने की बात कही।
सिंह ने उचाना में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘सदन में अविश्वास प्रस्ताव हमेशा इसलिए नहीं लाया जाता है कि वह सफल हो। प्रस्ताव इसलिए लाया जाता है कि सभी सदस्यों को ज्वलंत मुद्दों पर बेबाकी से बोलने का अवसर मिले।’’
प्रस्तावों पर मतदान के लिए दल-बदल कानून के तहत राजनीतिक दल द्वारा व्हिप जारी करने के संदर्भ में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘40 साल पहले दल-बदल कानून बना। ‘आया राम, गया राम’ की संस्कृति को खत्म करने और सरकार को स्थिरता देने के लिए यह कानून बना था। लेकिन अब देखें तो इस कानून के तहत पार्टी प्रधान हो गयी है। विधायक को अपना विचार रखने की स्वतंत्रता नहीं रही।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस कानून में पार्टी प्रमुख है। जो विधायक पार्टी की विचारधारा के साथ है, वह ठीक है, लेकिन अलग विचार रखने वाला विधायक अपनी बात नहीं कह सकता है। अगर उसने पार्टी से अलग अपनी कोई बात रखी तो वह अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।’’
हरियाणा विधानसभा में बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर छह घंटे तक चली चर्चा के अंत में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सदन में घोषणा की कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 55 और पक्ष में 32 मत पड़े और विपक्ष का प्रस्ताव गिर गया।
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