एनसीपी के जितेंद्र आव्हाड ने विधायक पद से दिया इस्तीफा, कहा- हम लोकतंत्र की हत्या नहीं देख सकते, जानें मामला
By मनाली रस्तोगी | Updated: November 14, 2022 12:04 IST2022-11-14T12:00:44+5:302022-11-14T12:04:16+5:30
एक महिला बीजेपी कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि जितेंद्र आव्हाड ने उनकी अनुमति के बिना उन्हें छूकर निंदनीय कार्य किया है।

एनसीपी के जितेंद्र आव्हाड ने विधायक पद से दिया इस्तीफा, कहा- हम लोकतंत्र की हत्या नहीं देख सकते, जानें मामला
मुंबई:राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने 72 घंटे के अंतराल में पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दो मामले दर्ज करने के बाद सोमवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। एक मामले में उनपर एक महिला से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है, जिसका उन्होंने खंडन किया है। आव्हाड ने ट्विटर पर अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, "पुलिस ने 72 घंटे में मेरे खिलाफ 2 झूठे मामले दर्ज किए।"
उन्होंने आगे लिखा, "मैं पुलिस की बर्बरता के खिलाफ लड़ूंगा। मैं विधायक पद से इस्तीफा देने का फैसला कर रहा हूं। हम लोकतंत्र की हत्या नहीं देख सकते।" रिपोर्ट्स के मुताबिक बीती रात राकांपा नेता के खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज किया गया था। बीजेपी की एक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि कलवा-खादी पुल के उद्घाटन के दौरान एकनाथ शिंदे से मिलने के लिए वह अन्य महिलाओं के साथ भीड़ में आगे आई थी। तभी जितेंद्र अवाद ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे एक तरफ ले गए।
पोलीसांनी माझ्या विरुद्ध ७२ तासात २ खोटा गुन्हा दाखल केला आणि तोही 😭३५४ ,.,
— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) November 14, 2022
मी ह्या पोलिसी आत्याचारा विरुद्ध लढणार … मी माझ्या आमदारकीचा राजीनामा देण्याचा निर्णय घेतो आहे,,. लोकशाहीची हत्या .. उघड्या डोळ्यांनी नाही बघू शकत
महिला ने अपनी शिकायत में तर्क दिया है कि आव्हाड ने उसकी अनुमति के बिना उसके हाथों को छूकर निंदनीय कार्य किया है। इससे पहले शनिवार को मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड और 11 अन्य को एक मामले में जमानत दे दी, जिसमें उन पर मराठी फिल्म "हर हर महादेव" के एक शो को बाधित करने का आरोप लगाया गया था।
7 नवंबर को जितेंद्र आव्हाड और उनके समर्थकों ने "हर हर महादेव" के एक शो को जबरन रोक दिया, यह आरोप लगाते हुए कि फिल्म ने छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को विकृत कर दिया है। इस घटना के वीडियो में दिखाया गया है कि जब कुछ फिल्म देखने वालों ने व्यवधान का विरोध किया तो उन्हें पीटा भी गया। इस घटना को लेकर वर्तक नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (हमला) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।