Money Laundering Case: Nawab Malik की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ी, अब जेल में ही मिलेगी घर का खाना और ले सकेंगे दवाइयां
By आजाद खान | Updated: April 4, 2022 14:35 IST2022-04-04T13:48:04+5:302022-04-04T14:35:24+5:30
नवाब मलिक की न्यायिक हिरासत को लेकर फिर खबर सामने आई है। पीएमएलए की विशेष अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत को फिर से बढ़ा दिया है।

Money Laundering Case: Nawab Malik की न्यायिक हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ी, अब जेल में ही मिलेगी घर का खाना और ले सकेंगे दवाइयां
Nawab Malik Judicial Custody Extended: महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) की न्यायिक हिरासत को फिर से बढ़ा दिया गया है। पीएमएलए की विशेष अदालत ने सोमवार को नवाब मलिक की न्यायिक हिरासत को 18 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। आपको बता दें कि 62 वर्षीय मलिक को 23 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था जिसके बाद से वह अभी तक बाहर नहीं आए हैं। उन्हें ईडी ने एक दागी भूमि सौदे से उत्पन्न एक कथित धन शोधन मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। हालांकि इससे पहले नवाब मलिक ने याचिका की थी कि उन्हें बेड, गद्दा और कुर्सी मिले जिसे पीएमएलए की विशेष अदालत ने स्वीकार कर लिया था और उन्हें यह सब चीजे प्रदान की गई थी। उन्होंने घर से खाना मंगवाकर खाने की भी इजाजत मांगी थी जिसे अदालत ने स्वीकार नहीं किया था।
Dawood Ibrahim money laundering case | Special PMLA court extends judicial custody of Maharashtra Minister Nawab Malik till 18th April pic.twitter.com/BzzYKTT03v
— ANI (@ANI) April 4, 2022
घर का खाना और दवाओं की मिली इजाजत
पीएमएलए की विशेष अदालत ने नवाब मलिक को घर का खाना खाने और दवाएं लेने की इजाजत दी है। आपको बता दें कि इससे पहले उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई थी। नवाब मलिक ने अपने खिलाफ मामले के लिए पिछले हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
नवाब मलिक ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया है दरवाजा
गौरतलब है कि नवाब मलिक ने बॉम्बे हाईकोर्ट के याचिका खारिज के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मामले में मलिक का दावा है कि उनकी गिरफ्तार पूरी तरह से अवैध है। इससे पहले 15 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट ने मलिक के अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें ईडी द्वारा दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग केस में तत्काल रिहाई की मांग की गई थी।