जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 40 जवानों की शहादत पर बयान देकर फंसे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह फिर से विवाद में है। सोशल मीडिया से लेकर विधानसभा में सिद्धू को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। 18 फरवरी को नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर विधानसभा में जमकर नारेबाजी हुई। शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने विधानसभा में इस बात की मांग रखी कि नवजोत सिंह सिद्धू अपने दिए बयान पर माफी मांगे।
शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने नवजोत सिंह सिद्धू के बयान पर उनसे सफाई मांगने की मांग की है। इस दौरान गर्मागर्मी काफी बढ़ गई और विधायक एक-दूसरे के सामने आ गए। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने चंडीगढ़ में कहा, नवजोत सिंह सिद्धू को पाकिस्तान के लिए की गई टिप्पणी के चलते कांग्रेस से निलंबित कर दिया जाना चाहिए। असल, राष्ट्र-विरोधी टिप्पणियां करने वालों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने चाहिए। "
इस बयान पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, मैं आतंकवाद पर दिए अपने बयान को पर अभी भी खड़ा हूं। मैं कुछ गलत नहीं कहा था मैं आज भी कहता हूं कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसके लिए जो भी जिम्मेदार है, उसे सजा मिलनी ही चाहिए।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, मैं पूछना चाहता हूं कि 1999 के कंधार की घटना में शामिल लोगों को किसने रिहा किया? इसकी जिम्मेदारी किसकी है? हमारी लड़ाई उनके खिलाफ है। सैनिक ही क्यों हमेशा इसके लिए जान दे? इसका कोई स्थायी समाधान क्यों नहीं निकाला जाना चाहिए?
विधानसभा में अकाली विधायक और सिद्धू आमने-सामने आ गए थे। तीखी बहस के बीच दोनों एक-दूसरे की ओर इशारा करके चिल्लाते रहे। स्पीकर दोनों को शांत कराते रहे और बताते रहे कि जीरो आवर नहीं चल रहा, इसलिए सभी शांत हो जाएं। अकाली दल के नेता विरसा सिंह वलटोहा ने सवाल किया है, जब देश दुखी है तो सिद्धू आतंकवाद को जस्टिफाई कर रहे हैं। सिद्धू को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से नजदीकी का फायदा मिल रहा है। पुलवामा आतंकी हमले पर दिए विवादित बयान के बाद सिद्धू को 'द कपिल शर्मा शो' से भी बाहर कर दिया गया है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने पुलवामा पर क्या दिया था बयान?
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के ‘‘कायरतापूर्ण’’ हमले की कड़ी निंदा करते हुए पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को पूछा कि क्या कुछ लोगों की करतूत के लिए पूरे देश को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर इमरान खान के पिछले साल हुए शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने कहा, ‘‘कुछ लोगों के लिए क्या आप पूरे देश को जिम्मेदार ठहरा सकते है और क्या आप किसी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहरा सकते हो?’’
आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ जवानों की मौत के प्रति एकजुटता दिखाते हुए पंजाब विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सिद्धू ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘यह कायरतापूर्ण कार्रवाई है और मैं सख्ती से इसकी निंदा करता हूं। हिंसा हमेशा निंदनीय है और जिन लोगों ने यह किया उन्हें सजा मिलनी चाहिए।’’ सिद्धू ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का कोई धर्म और उसकी कोई जाति नहीं होती । उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 71 साल से यह सब हो रहा है । क्या वह कभी रूके हैं ।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मेरे लिए हिंसा हमेशा निंदनीय है । मैं हमेशा अहिंसा में विश्वास रखता हूं । किसी भी समस्या का समाधान हिंसा नहीं है । मेरे लिए आगे बढ़ने के लिए अहिंसा सबसे प्रबल हथियार है।
14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवान हुए थे शहीद
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में अब तक 40 जवानों शहीद हुए हैं। जिनमें से 38 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है और 42 जवानों के नाम सामने आए हैं। इस आतंकवादी हमले में 40 से ज्यादा जवान घायल हुए हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीआरपीएफ की बसों पर आतंकवादियों ने निशाना बनाया और उन्हें आईईडी से उड़ा दिया। ऐसा माना जाता है कि इस पूरे हमले की योजना एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान ने बनायी थी जो जैश ए मोहम्मद का सदस्य है । कामरान, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा तथा त्राल इलाके में सक्रिय है।