पंजाब: नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली ने दिया इस्तीफा, कश्मीर पर विवादित बयान के बाद थे चर्चा में
By विनीत कुमार | Updated: August 27, 2021 12:47 IST2021-08-27T12:25:49+5:302021-08-27T12:47:04+5:30
मालविंदर सिंह माली के बयान पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी नाराजगी जताई थी। वहीं पार्टी के कई और नेताओं ने भी ऐसे बयान पर सवाल उठाए थे।

सिद्धू के सलाहकार मालविंदर माली ने दिया इस्तीफा (फाइल फोटो)
मालविंदर सिंह माली ने शुक्रवार को पंजाबकांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। इससे एक दिन पहले कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि अगर सिद्धू उन्हें हटाने में नाकाम रहते हैं तो पार्टी मालविंदर सिंह को बर्खास्त करेगी।
मलविंदर सिंह माली ने इस्तीफा की घोषणा के लिए जारी प्रेस नोट में कहा, 'मैं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को सुझाव देने के लिए अपनी दी गई अपनी सहमति वापस लेता हूं।'
मलविंदर माली की ओर से प्रेस नोट में ये भी कहा गया कि अगर उन्हें शारिरिक तौर नुकसान होता है तो इसके लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब के कैबिनेट मिनिस्टर विजय इंद्र सिंगला, मनीष तिवारी, सुखबीर सिंह बादल, बिक्रमजीत सिंह मजीठिया, बीजेपी के सुभाष शर्मा, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और जरनैल सिंह जिम्मेदार होंगे।'
"I withdraw my consent given for tendering suggestions to Punjab Congress President Navjot Singh Sidhu," writes Malwinder Singh Mali, Advisor to Sidhu pic.twitter.com/s8Eeg5EOkw
— ANI (@ANI) August 27, 2021
मालविंदर सिंह माली के हाल में जम्मू-कश्मीर पर दिए बयान पर विवाद मचा हुआ था। माली ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि भारत और पाकिस्तान दोनों कश्मीर पर अवैध रूप से कब्जा किए हुए हैं।
माली ने संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के मुद्दे पर बात की थी, जिसके तहत तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर को एक विशेष दर्जा मिला हुआ था। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि अगर कश्मीर भारत का हिस्सा था तो धारा 370 और 35ए हटाने की क्या जरूरत थी। उनकी ओर से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में भी कथित तौर पर आपत्तजिनक टिप्पणी की गई थी।
सीएम अमरिंदर सिंह सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने बयान पर उठाए थे सवाल
माली के बयान पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी नाराजगी जताई थी। वहीं पार्टी के कई और नेताओं ने भी ऐसे बयान पर सवाल उठाए थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने सोमवार को पार्टी नेतृत्व से इस पर आत्ममंथन करने का आग्रह किया कि क्या ऐसे लोगों को पार्टी में होना चाहिए, जो जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते और जिनका रुझान पाकिस्तान समर्थक है।
दूसरी तरफ, कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि इन लोगों की नियुक्तियां पार्टी ने नहीं की हैं, लेकिन अगर वो दोषी पाये गए तो उचित कार्रवाई होगी।