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मोदी सरकार की इजाजत के बिना नवजोत सिंह सिद्धू नहीं जा पाएंगे करतारपुर साहिब

By संतोष ठाकुर | Updated: November 1, 2019 09:42 IST

करतारपुर साहिब रावी नदी के पार पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित है और डेरा बाबा नानक से इसकी दूरी लगभग चार किलोमीटर है.

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ठळक मुद्देकरतापुर गलियारे से प्रतिदिन 5,000 भारतीय तीर्थयात्री गुरुद्वारा दरबार साहिब जा सकेंगे गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष यहीं बिताए थे.

केंद्र सरकार ने आज स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के अनुरोध पर करतारपुर साहिब जाने के लिए पंजाब के विधायक और पूर्व क्रि केटर नवजोत सिंह सिद्धू को उससे इजाजत लेनी होगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ''करतारपुर साहिब गलियारे का उद्घाटन 9 नवंबर को होगा. भारत-पाक दोनों अलग उद्घाटन समारोह करेंगे.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, पंजाब के सांसद और विधायक उन 575 लोगों में हैं, जो करतारपुर गलियारे के जरिये पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब जानेवाले पहले जत्थे का हिस्सा होंगे.''

सूत्रों ने बताया कि भारत ने 575 लोगों की सूची पाकिस्तान के साथ साझा की है. केंद्र और पंजाब से कई राजनीतिक हस्तियां करतारपुर जानेवाली हैं. लेकिन, जो राजनीतिक व्यक्ति वहां जाएंगे, उन्हें पता होगा कि इसकी क्या प्रक्रि या है. वे उसका अनुपालन करेंगे. नवजोत सिंह सिद्धू हों, या कोई अन्य राजनीतिक हस्ती, उनके लिए एक प्रक्रि या है, जिसका अनुपालन हमेशा से होता रहा है.

सूत्रों ने कहा, ''जब भी कोई निर्वाचित प्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी दूसरे देश जाता है, तो उसे केंद्र सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है. विदेश मंत्रालय नियमों और संबंधित देश के साथ राजनीतिक संबंधों के आधार पर संस्तुति देता है.'' बॉक्स 10 हजार करें वीजा की संख्या भारत ने पाकिस्तान से मांग की है कि वह गुरुनानक देवजी के प्रकाशोत्सव यानी गुरुपर्व पर उनके जन्मस्थान ननकाना साहिब जाने वाले श्रद्धालुओंं के लिए वीजा की संख्या को 1974 के प्रोटोकॉल के तहत 3000 से बढ़ाकर 10,000 करे. पाकिस्तान ने भारत के प्रस्ताव का अब तक जवाब नहीं दिया है.

कहां है करतारपुर साहिब

भारत और पाकिस्तान ने पिछले नवंबर में ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब, को भारत के साथ जोड़ने के लिए करतारपुर गलियारा बनाने पर सहमति जताई थी. इसके तहत पाकिस्तान के कस्बे करतारपुर को पंजाब के गुरुदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक के साथ जोड़ा जाएगा. गुरुद्वारा दरबार साहिब गुरु नानक देवजी का अंतिम विश्रामस्थल है.

करतारपुर साहिब रावी नदी के पार पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित है और डेरा बाबा नानक से इसकी दूरी लगभग चार किलोमीटर है. इस गलियारे से प्रतिदिन 5,000 भारतीय तीर्थयात्री गुरुद्वारा दरबार साहिब जा सकेंगे, जहां गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे.

टॅग्स :नवजोत सिंह सिद्धूपाकिस्तानकरतारपुर साहिब कॉरिडोरमोदी सरकार
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