नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा, 'दिल्ली और जगहों के कूड़ा स्थल टाइम बम के समान हैं'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 23, 2022 16:45 IST2022-04-23T16:39:43+5:302022-04-23T16:45:39+5:30
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली स्थित गाजीपुर कूड़ा स्थल पर आग लगने की घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि कूड़ा स्थल एक तरह से "टाइम बम" हैं क्योंकि कचरों की सड़न से लगातार मीथेन गैसों का उत्सर्जन होता है और उसके कारण स्थिति लगातार विस्फोटक बनी हुई है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा, 'दिल्ली और जगहों के कूड़ा स्थल टाइम बम के समान हैं'
दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने देश की राजधानी दिल्ली समेत देश के कई अन्य जगहों पर स्थित कूड़ा घरों को टाइम बम के समान बताया है।
एनजीटी ने ऐसी चिंताजनक टिप्पणी दिल्ली के गाजीपुर कूड़ा स्थल को लेकर की। एनजीटी गाजीपुर कूड़ा स्थल पर लगने वाली आग से बहुत चिंतित दिखाई दे रहा था।
दरअसल एनजीटी की टिप्पणी बुधवार को गाजीपुर कूड़ा स्थल पर लगी भीषण आग के बाद आयी है। जानकारी के मुताबिक बीते 28 मार्च को गाजीपुर कूड़ा स्थल पर ऐसे ही आग लगने की खबरे आयी थीं। जिसके कारण आसपास का वातावरण इतना जहरीला हो गया था कि लोगों का सांस लेना भी दूभर हो गया था।
मालूम हो कि बीते 2021 में भी दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया था कि गाजीपुर कूड़ा स्थल पर चार बार आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। वहीं साल 2017 में इस समय एक भीषण हादसा भी सामने आ चुका है, जब गाजीपुर कूड़ा स्थल का एक भाग भरभरा कर गिर गया था, जिस हादसे में दो लोगों की जान चली गई थी।
गाजीपुर कूड़ा स्थल पर आग लगने की घटना को गंभीरता से लेते हुए एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस एके गोयल की बेंच ने कहा कि दिल्ली और देश के अन्य शहरों में स्थित कूड़ा स्थल एक तरह से "टाइम बम" हैं क्योंकि कचरों की सड़न से लगातार मीथेन गैसों का उत्सर्जन होता है और उसके कारण स्थिति लगातार विस्फोटक बनी हुई है।
अपनी टिप्पणी में जस्टिस एके गोयल ने कहा, "यह विषय बेहद चिंता का है क्योंकि कूड़ों के सही निस्तारण की दिशा में उठाये जाने वाले कदमों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। आग लगने औप अन्य दुर्घटनाओं से बचने के लिए हमें वैधानिक समयसीमा के बीच नियमों के सख्ती से पालन कराये जाने की जरूरत है।
इसके साथ ही बेंच ने यह भी कहा कि दिल्ली जैसी घनी बस्ती के बीच जिस तरह से कूड़े को डंप किया जा रहा है, वो आबादी के लिए बेहद गंभीर साबित हो सकती है। इसके लिए संबंधित विभागों को मिलकर एक बहु-विभागीय कमेटी बनाने की आवश्यकता है ताकि प्रशासनिक स्तर पर त्वरित कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके।"
एनजीटी ने इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एसपी गर्ग की अध्यक्षता में कमेटी का गटन किया है। जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, शहरी विकास विभाग, दिल्ली, ईडीएमसी, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला मजिस्ट्रेट और डीसीपी के सदस्यों को शामिल किया है।
बेंच ने कमेटी के साथ ही स्पष्ट किया कि डीपीसीसी कमेटी के समन्वय और अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी का काम करेंगे। यह कमेटी एक हफ्ते के भीतर बैठक करके गाजीपुर कूड़ा स्थल का मुआयना कर सकती है। इस दौरान कमेटी के सदस्य प्रभावित व्यक्तियों से बातचीत भी कर सकते हैं और उसके बाद कमेटी वास्तविक स्थिति का आंकलन करके आगे की कार्रवाई के लिए सुझाव देगी।"