नई दिल्ली, 01 सितंबर: अमेरिकी डालर के समक्ष भारतीय रुपया शुक्रवार को 49 पैसे अथवा 0.70 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 70.59 रुपये प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निम्नतम स्तर पर बंद हुआ। यह 13 अगस्त के बाद रुपये में एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है। इस दिन रुपया 110 पैसे अथवा 1.6 प्रतिशत टूटा था। इससे पूर्व रुपया सोमवार को 70.16 रुपये के निचले स्तर पर बंद हुआ था।
रुपये की गिरती कीमत पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि मुद्रा बाजार में किसी भी तरह के अनावश्यक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।
विपक्ष बार-बार गिरते रुपए को लेकर मोदी सरकार से जवाब मांग रही है लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी इसपर अबतक चुप्पी साधे हुए हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें नरेन्द्र मोदी गुजरात के सीएम होने के नाते गिरते रुपए को लेकर कई सवाल पूछते दिख रहे हैं। साल 2013 में गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी और तब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए सुषमा स्वराज ने तत्कालिक मनमोहन सरकार को रुपये के गिरने पर जमकर कोसा था। तब डॉलर के मुकाबले रुपए 60 के स्तर पर जा पहुंचा था।
वीडियो में मोदी मनमोहन सरकार से गिरते रुपए को लेकर कई सवाल पूछ रहे हैं। वह यह तक कहते दिख रहे हैं कि रुपया का गिरना सरकार का पतन है। अब जब मोदी सरकार में रुपए अपने सबसे निचले स्तरों पर जा रहा है, 70 रुपए के करीब जा पहुंचा है तो सरकार के पास इसका कोई वाजिब जवाब नहीं है।
बता दें कि रुपए की भारी गिरावट से महंगाई का बढ़ना तय है। तेल के दाम बढ़ने से फल-सब्जी और खाने-पीने की चीजें महंगी होंगी तो रुपए के कमजोर होने से कार, कंप्यूटर, स्मार्टफोन जैसी वो तमाम चीजें महंगी होंगी-जो आयातित उपकरणों से बनते हैं। हालांकि इनमें लगातार पांचवीं मासिक तेजी रही और अगस्त 2016 के बाद इन्होंने सबसे बड़ी मासिक छलांग लगायी। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स और निफ्टी लगातार छठे सप्ताह बढ़त में रहे। इनमें क्रमश: 393.27 अंक और 123.40 अंक की साप्ताहिक तेजी आई है। भारतीय रुपये के पहली बार गिर कर प्रति डालर 71 के भी नीचे आ जाने और सितंबर के डेरिवेटिव सौदों की शुरुआत कमजोर रहने से सेंसेक्स 45 अंक नीचे आ गया। हालांकि निफ्टी मामूली 3.70 अंक तेज रहा।