कूनो नेशनल पार्क में चीते ने 4 शावकों को दिया जन्म, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने साझा की जानकारी
By मनाली रस्तोगी | Updated: March 29, 2023 14:31 IST2023-03-29T14:29:18+5:302023-03-29T14:31:19+5:30
भारत में चीते 70 साल पहले विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिए गए थे। नामीबिया से यहां लाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष 17 सितंबर को केएनपी में एक विशेष बाड़े में इन चीतों को छोड़ा था।

(Photo credit: Twitter)
श्योपुर: नामीबिया से लाए गए चीतों में से एक ने मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में चार शावकों को जन्म दिया है। जानकारी की पुष्टि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने की, जिन्होंने ट्विटर पर शावकों की तस्वीरें भी साझा कीं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 17 सितंबर 2022 को भारत लाए गए चीतों में से एक के चार शावकों का जन्म हुआ है।"
बता दें कि हाल ही में नामीबिया से लाए गए दो और चीतों को कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में जंगल में छोड़ दिया गया। केएनपी में सितंबर 2022 में अफ्रीकी देश से चीतों को यहां बसाने के लिए लाया गया था। भारत में चीते 70 साल पहले विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिए गए थे। नामीबिया से यहां लाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष 17 सितंबर को केएनपी में एक विशेष बाड़े में इन चीतों को छोड़ा था।
I congratulate the entire team of Project Cheetah for their relentless efforts in bringing back cheetahs to India and for their efforts in correcting an ecological wrong done in the past.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) March 29, 2023
पहले इन चीतों को छोटे बाड़ों में अलग रखा गया था बाद में बड़े बाड़ों में रखा गया। चीतों का दूसरा जत्था जिसमें एक दर्जन चीते- सात नर और पांच मादा शामिल थे, को 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से केएनपी लाया गया। केएनपी में अब कुल 20 चीते हैं। भारत में अंतिम चीते की मृत्यु वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में 1947 में हुई थी और सबसे तेज भूमि वाले जानवर को 1952 में देश में विलुप्त घोषित किया गया था।