नमामि गंगे: परियोजनाओं को पूरा करने की समय सीमा दिसंबर 2021 तक रखी
By भाषा | Published: August 27, 2018 03:12 AM2018-08-27T03:12:47+5:302018-08-27T03:12:47+5:30
संसद में हाल ही में पेश जल संसाधन संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत पैरा 4 के एक जवाब में कहा गया है कि वर्ष 2017-18 के दौरान नमामि गंगे के तहत वास्तविक व्यय 1423 करोड़ रूपये रहा।
नई दिल्ली, 27 अगस्त: सरकार ने संसद की एक समिति को बताया है कि गंगा की सफाई से जुड़े नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं को पूरा करने की समय सीमा दिसंबर 2021 तक रखी गयी है।
संसद में हाल ही में पेश जल संसाधन संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत पैरा 4 के एक जवाब में कहा गया है कि वर्ष 2017-18 के दौरान नमामि गंगे के तहत वास्तविक व्यय 1423 करोड़ रूपये रहा। वर्ष 2017-18 के दौरान कार्यकारी एजेंसियों सहित राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा 1625 करोड़ रूपये व्यय किये गए ।
इसके तहत मंजूर 104 स्वीकृत जलमल आधारभूत परियोजनाओं में से अब तक 26 परियोजनाएं पूरी कर ली गयी हैं। इसके तहत 24 परियोजनाओं को दिसंबर 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
छह परियोजनाओं को मार्च 2019 तथा 20 परियोजनाओं को दिसंबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत 28 परियोजनाओं को दिसंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
संसदीय समिति ने गंगा नदी की सफाई से जुड़े ‘नमामि गंगे’’ कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए जोर दिया है कि अब इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं को पूरा करने की तिथि को दिसंबर 2021 तक बढ़ाया गया है। समिति आशा करती है कि अब परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जायेगा और निर्धारित समय सीमा दिसंबर 2021 तक पूरा कर लिया जायेगा ।
इस विषय पर पूछे जाने पर जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘‘भाषा’’ से कहा कि नमामि गंगे को पांच साल के कार्यक्रम के रूप में कैबिनेट की मंजूरी मई 2015 में मिली थी ।
इस तरह से 2020 तक पांच वर्षो में 20 हजार करोड़ रूपये खर्च किये जाने की पहल की गई थी । उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी कोशिश है कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं के बड़े हिस्से को मार्च 2020 तक पूरा किया जाए । ’’
अधिकारी ने बताया कि इसमें कुछ परियोजनाओं का कार्य इससे आगे जा सकता है । दरअसल नदी सफाई कार्यक्रम एक सतत प्रक्रिया है । बहरहाल, रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति यह पाती है कि 104 स्वीकृत जलमल आधारभूत परियोजनाओं में से अब तक 26 परियोजनाएं ही पूरी हुई हैं और शेष 78 परियोजनाएं अब दिसंबर 2021 तक पूरी होंगी।
समिति ने कहा है कि गंगा नदी की मुख्य धारा के किनारे स्थित 56 शहरों में जलमल प्रबंधन के लिये 89 परियोजनाएं स्थापित करने के लक्ष्य की तुलना में केवल 19 परियोजनाएं पूरी हुई हैं ।