चेन्नई, 30 जून उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने जम्मू हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायु सेना स्टेशन पर किए गए ड्रोन हमले को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए देश में अनुसंधान करने वाले समुदाय से बुधवार को अपील की कि वह इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए ‘‘और अधिक कुशल तरीके’’ विकसित करे।
नायडू ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) से ‘‘आतंकवाद को नष्ट करने’’ के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने यहां आईआईटी मद्रास में भारत के पहले ‘3डी प्रिंटेड हाउस’ स्थल का दौरा करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि सैन्य रडार कम ऊंचाई पर उड़ने वाले इस प्रकार के ड्रोन का पता नहीं लगा पाते हैं और इसलिए नए तरीके खोजने की आवश्यकता है।
जम्मू में भारतीय वायु सेना के स्टेशन पर शनिवार देर रात दो ड्रोन से विस्फोटक गिराए गए थे, जिसमें दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए थे। पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों का देश के किसी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान पर इस तरह का यह पहला ड्रोन हमला है। ऐसा माना जा रहा है कि ड्रोन द्वारा गिराई गई विस्फोटक सामग्री आरडीएक्स और अन्य रसायनों के मिश्रण का उपयोग कर बनायी गई थी। इस मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण ब्यूरो (एनआईए) को सौंप दी गई है।
नायडू ने कहा कि आतंकवाद संपूर्ण मानवता का शत्रु है और आतंकवादी हमें ‘‘अशांत कर रहे हैं और देश के विकास को प्रभावित कर रहे हैं’’।
उन्होंने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों के पास बड़े ड्रोनों, यूएवीएस (मानव रहित हवाई वाहन), विमानों और हेलीकॉप्टरों द्वारा हवाई घुसपैठ का पता लगाने और उन्हें विफल करने के लिए उन्नत रडार और मिसाइलों के साथ विस्तृत वायु रक्षा प्रणालियां हैं।’’
उन्होंने कहा कि लेकिन ऐसे सैन्य रडार कम ऊंचाई पर उड़ने वाले छोटे ड्रोन का पता नहीं लगा सकते। उन्होंने कहा, ‘‘अब (जम्मू-) कश्मीर में यही हुआ है। इसलिए हमें इस पर ध्यान केंद्रित करना होगा।’’
नायडू ने कहा कि शत्रु ‘‘हमारे देश को पंगु करना चाहता है और हमारी प्रणाली को नष्ट करना चाहता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए अनुसंधान करने वाले समुदाय को आगे आना चाहिए और हमें शत्रुओं के इन प्रयासों से निपटने के लिए अधिक कुशल तरीके अपनाने चाहिए।
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