लाइव न्यूज़ :

मनमाने तरीके से ब्लॉक नहीं कर सकते करदाता का ईसीएल, उद्योग जगत के लिए हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, जानें मामला

By सौरभ खेकडे | Updated: February 14, 2022 20:05 IST

Open in App
ठळक मुद्देअधिकारियों को ठोस सबूतों के आधार पर ही यह फैसला लेना चाहिए.संबंधित अधिकारी के पास ठोस कारण होने चाहिए. अधिकारियों को कानूनन जो शक्तियां दी गई है, वे जनता की भलाई के लिए है.

नागपुरः बंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने उद्योग जगत के लिए जीएसटी प्रणाली पर एक अहम आदेश जारी किया हैै. कोरबा छत्तीसगढ़ स्थित डीवी प्रोजेक्ट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य कर विभाग यूं ही मनमाने तरीके से किसी करदाता का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) ब्लॉक नहीं कर सकता.

 

कानून में स्पष्ट है कि टैक्स इनपुट में कोई भी अनियमितता हो तो रकम ब्लॉक की जा सकती है, लेकिन केवल उतनी ही, जितनी रकम के अनियमितता का आरोप हो. हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि ईसीएल ब्लॉक करने के पूर्व संबंधित अधिकारियों को ठोस सबूतों के आधार पर ही यह फैसला लेना चाहिए. केवल काल्पनिक और मनचाहे कारणों से ईसीएल ब्लॉक नहीं किया जा सकता. ऐसा करने के लिए संबंधित अधिकारी के पास ठोस कारण होने चाहिए. 

जनता की भलाई के लिए है शक्तियां 

न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे और न्यायमूर्ति अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने अधिकारियों को उनके कर्तव्य की याद दिलाते हुए कहा कि अधिकारियों को कानूनन जो शक्तियां दी गई है, वे जनता की भलाई के लिए है. अपने प्रशासकीय फैसले लेते वक्त अधिकारियों को सोच समझ कर और कानून के दायरे में रहते हुए फैसले लेने चाहिए.

हाईकोर्ट ने राज्य कर विभाग के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसके तहत याचिकाकर्ता कोरबा छत्तीसगढ़ स्थित डीवी प्रोजेक्ट लिमिटेड का इलेट्राॅनिक क्रेडिट लेजर (ईसीएल) ब्लॉक किया गया था. अधिकारियों को अपने फैसले पर पुनर्विचार की अनुमति भी दी गई है. 

कंपनी ने उठाए थे सवाल

दरअसल कंपनी ने अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने इसमें कुछ अहम सवाल उठाए थे. प्रश्न था कि क्या ईसीएल ब्लॉक करना सीजीएसटी अधिनियम की धारा 87 के तहत अंतरिम रूप से प्रॉपर्टी अटैच करने जैसा हैै? अगर रकम ब्लॉक करनी हो तो उसकी सीमा क्या होनी चाहिए और रकम ब्लॉक करने का आधार क्या होना चाहिए? मामले में सभी पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.

टॅग्स :महाराष्ट्रनागपुरहाई कोर्टछत्तीसगढ़
Open in App

संबंधित खबरें

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतछत्तीसगढ़: हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

भारतफिर खुलेगी आईएएस संतोष वर्मा की फाइल, हाईकोर्ट ने पुलिस जांच को दी मंजूरी

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भारतMaharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, भाजपा और शिवसेना के बीच मुकाबला

भारत अधिक खबरें

भारत2026 विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में हलचल, मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला, हुमायूं कबीर ने धर्मगुरुओं के साथ मिलकर फीता काटा, वीडियो

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित