भाषण बाधित होने पर सीएम नीतीश ने खोया आपा, कहा-अगर नफरत है तो यहां से चले जाइए बाहर, देखें वीडियो

By एस पी सिन्हा | Updated: December 30, 2021 13:42 IST2021-12-30T13:41:32+5:302021-12-30T13:42:41+5:30

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुलूस निकालने और नारेबाजी करने की अपील करते हुए कहा कि यदि दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को यह पाबंदी असुविधाजनक लगती है ‘तो मत आइए’।

Muzaffarpur CM Nitish kumar lost temper speech interrupted said if there is hatred then go out from here | भाषण बाधित होने पर सीएम नीतीश ने खोया आपा, कहा-अगर नफरत है तो यहां से चले जाइए बाहर, देखें वीडियो

शराब/नशा, दहेज और बाल विवाह के दुष्परिणाम गिनाते हुए इन बुराइयों के खिलाफ जनसभाएं कर रहे हैं।

Highlightsशारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का भी जिक्र किया।अपना अनुभव साझा करने के लिए आने का न्योता दिया था। पुलिस को इसकी सूचना दीजिए बल्कि जुलूस निकालें और नारेबाजी भी करें।

मुजफ्फरपुरः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को मुजफ्फरपुर में एक जनसभा के दौरान शोर-शराबा कर रहे लोगों की ओर मीडिया का ध्यान जाने के बाद नाराज हो गए और कुछ देर के लिए अपना आपा खो दिया। नीतीश 22 दिसंबर से ‘समाज सुधार अभियान’ के तहत राज्य का दौरा कर रहे हैं और शराब/नशा, दहेज और बाल विवाह के दुष्परिणाम गिनाते हुए इन बुराइयों के खिलाफ जनसभाएं कर रहे हैं।

इसी अभियान के तहत बुधवार को मुजफ्फरपुर में आयोजित एक जनसभा में मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान कुछ लोगों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया और उसे सुनकर मीडियाकर्मी भी उनकी ओर बढ़ चले। इस घटना को लेकर नीतीश ने अपना आपा खो दिया और मंच से कहा कहा, ‘‘अरे आपलोग क्या कर रहे हैं भाई। ये क्या कर रहे हैं आपलोग फोटो...। ये मीडिया वाले किधर जा रहे हैं।

आप लोगों को समाज सुधार अभियान से नफरत है। अगर नफरत है तो यहां से चले जाइए बाहर। आप ये कौन सा काम कर रहे हैं। कौन क्या बोलता है बोलने दीजिए। क्या आप समाज को नहीं जानते हैं, क्या आदमी का स्वभाव है कि वह सौ प्रतिशत ठीक हो सकता है। कभी सौ प्रतिशत ठीक नहीं हो सकता है, इसी के लिए तो अभियान चलाना है। इसके लिए ही तो हम अभियान चला रहे हैं।’’

नीतीश ने बेहद खिन्न होकर कहा, ‘‘तो कहां बीच में लोग बात सुन रहे हैं और मेरे पीछे में जाकर हो हो कर रहे हैं। अगर किसी को समाज सुधार से मतलब नहीं है तो यहां पर आने की जरूरत क्या है।’’ पुलिस के अनुसार, स्थानीय स्तर के कुछ निर्वाचित प्रतिनिधि मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने आए थे और मंच से कुछ दूरी पर रोके जाने पर उत्तेजित हो गए।

हालांकि पुलिस ने उनके बात कर उन्हें शांत करा लिया था। नीतीश ने अपने संबोधन में आगे कहा, ‘‘क्या आज आपने महिलाओं की बात नहीं सुनी। किस-किस रूप से महिलाओं में जागृति आ रही है। महिलाओं में जागृति आ रही है और आप पुरूष हैं तो क्या आपमें जागृति नहीं आएगी। क्या केवल महिलाओं में जागृति के लिए हम यह अभियान चला रहे हैं? पुरुषों में भी जागृति आनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आपको कोई शिकायत है तो जब मैं समारोह पूरा कर लूं तो मुझसे मिलें।’’ उक्त बातें खत्म करने के बाद नीतीश ने शराब पीने, कम उम्र में लड़कियों की शादी करने और दहेज की बुराइयों पर जोर देते हुए अपना भाषण फिर से शुरू किया। राज्य में पूर्ण शराबबंदी की नीतीश का फैसला दीपावली के आसपास नवंबर में जहरीली शराब कांड में 40 से अधिक लोगों की मौत के बाद से विवादों में है।

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