18 साल से कम है उम्र तो भी मुस्लिम लड़की कर सकती है निकाह, हाई कोर्ट का फैसला, जानिए पूरा मामला

By विनीत कुमार | Published: February 10, 2021 11:40 AM2021-02-10T11:40:07+5:302021-02-10T11:40:07+5:30

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि मुस्लिम लड़की अगर तरुणायी की उम्र में है तो निकाह कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ इसकी इजाजत देता है।

Muslim minor girls may marry on reaching puberty says Punjab and Haryana High Court | 18 साल से कम है उम्र तो भी मुस्लिम लड़की कर सकती है निकाह, हाई कोर्ट का फैसला, जानिए पूरा मामला

18 साल से कम उम्र की मुस्लिम लड़की कर सकती है निकाह: हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsमुस्लिम लड़कियों की शादी को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का अहम फैसलामुस्लिम पर्सनल लॉ के आधार पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुनाया फैसलाएक लड़के और लड़की की निकाह से जुड़े मामले में फैसला, दोनों की शादी के खिलाफ थे परिवार वाले

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने मुस्लिम लड़कियों की शादी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मुस्लिम विवाह पर पूर्व के कई फैसलों को बरकरार रखते हुए कहा कि कोई मुस्लिम लड़की अगर 18 साल से कम उम्र की है लेकिन किशोरावस्था (puberty, तरुणायी) पर है तो मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार किसी से भी निकाह कर सकती है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस अलका सरीन ने पंजाब के एक मुस्लिम जोड़े की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुस्लिम धार्मिक पुस्तक के आर्टिकल-195 के आधार पर ये फैसला सुनाया। 

हाई कोर्ट ने कहा कि कोई मुस्लिम लड़की अगर किशोर है तो अपनी मर्जी से किसी भी शख्स से निकाह सकती है। कोर्ट ने जिस किताब का हवाला दिया उसमें कहा गया है कि सबूतों की कमी, 15 साल की उम्र पूरी होने पर किशोरावस्था को मान लिया जाए।

मुस्लिम शादियों से जुड़ा क्या है ये मामला?

दरअसल, ये मामला पंजाब के 36 साल के एक शख्स और 17 साल की एक लड़की से जुड़ा है। दोनों में प्रेम हो गया। इसके बाद इसी साल 21 जनवरी को दोनों ने मुस्लिम रिवाज से शादी कर ली। दोनों की ये पहली शादी थी लेकिन इनके परिवार वाले इससे खुश नहीं थे।

दोनों का आरोप है कि इन्हें धमकियां मिल रही थीं। इसके बाद इन्होंने कोर्ट का रूख किया। याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि कोई भी मुस्लिम लड़का या लड़की अगर किशोर हैं तो अपनी मर्जी से किसी से भी निकाह कर सकते हैं और परिवार या रिश्तेदार इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम लड़की मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार चल सकती है। कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ताओं को संविधान ने हक दिया है और इसलिए केवल उनकी परिवार की इच्छा पर उन्हें उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।

कोर्ट ने साथ ही मोहाली एसएसपी को निर्देश भी दिया कि याचिकाकर्ताओं की सुरक्षा और आजादी के पर्याप्त कदम उठाए जाएं।

Web Title: Muslim minor girls may marry on reaching puberty says Punjab and Haryana High Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे