Mumbai: एक गोल्ड फर्म ने 'गैर-महाराष्ट्रीयन' उम्मीदवार की तलाश में नौकरी का दिया विज्ञापन, राज्य में मचा सियासी हंगामा
By रुस्तम राणा | Updated: July 25, 2024 16:53 IST2024-07-25T16:53:05+5:302024-07-25T16:53:05+5:30
गुरुवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया जब मुंबई के अंधेरी ईस्ट में मरोल नाका स्थित एक निजी संगठन आर्य गोल्ड ने प्रोडक्शन मैनेजर पद के लिए केवल "गैर-महाराष्ट्रियन" आवेदकों की तलाश में नौकरी का विज्ञापन पोस्ट किया। इस विवादास्पद मानदंड ने आक्रोश और आलोचना को जन्म दिया।

Mumbai: एक गोल्ड फर्म ने 'गैर-महाराष्ट्रीयन' उम्मीदवार की तलाश में नौकरी का दिया विज्ञापन, राज्य में मचा सियासी हंगामा
मुंबई:महाराष्ट्र में एक गोल्ड फर्म द्वारा 'गैर-महाराष्ट्रीयन' उम्मीदवार की तलाश में नौकरी का विज्ञापन जारी करने पर सियासी हंगामा मच गया है। यहां गुरुवार को उस समय विवाद खड़ा हो गया जब मुंबई के अंधेरी ईस्ट में मरोल नाका स्थित एक निजी संगठन आर्य गोल्ड ने प्रोडक्शन मैनेजर पद के लिए केवल "गैर-महाराष्ट्रियन" आवेदकों की तलाश में नौकरी का विज्ञापन पोस्ट किया। इस विवादास्पद मानदंड ने आक्रोश और आलोचना को जन्म दिया है।
नौकरी की वेबसाइट इंडीड (Indeed) पर प्रकाशित विज्ञापन में मरोल में आर्य गोल्ड की हीरा फैक्ट्री में प्रोडक्शन मैनेजर की भूमिका को भरने की मांग की गई है। इस पद के लिए पूर्णकालिक दिन की शिफ्ट के साथ ₹25,000 से ₹62,760 प्रति माह वेतन मिलता है। उम्मीदवारों के पास पांच साल का अनुभव होना आवश्यक है। हालांकि, इसमें जिस मानदंड को लेकर हंगामा मचा है वो उम्मीदवार का "गैर-महाराष्ट्रियन" होना।
शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने एक्स पर एक पोस्ट में शिंदे सरकार की आलोचना करते हुए सवाल किया कि क्या वह महाराष्ट्र के लाभ के लिए काम कर रही है या गुजरात के हितों को पूरा कर रही है। यह आलोचना मुंबई से गुजरात में कंपनियों के प्रवास को लेकर शिंदे और उद्धव गुटों के बीच चल रहे तनाव के बीच आई है।
उन्होंने आगे लिखा, "जमीन, परिवहन, बिजली, कच्चा माल - मुंबई और महाराष्ट्र से सब कुछ स्वीकार्य है। एकमात्र चीज जो स्वीकार नहीं की जाएगी वह है महाराष्ट्र से एक मराठी व्यक्ति!" आर्य गोल्ड के विज्ञापन में "गैर-महाराष्ट्रियन" को प्राथमिक आवश्यकता के रूप में सूचीबद्ध किया गया है! क्या महाराष्ट्र सरकार महाराष्ट्र के लिए है, या यह गुजरात के हितों की सेवा के लिए है?
"जमीन, वाहतूक, इलेक्ट्रिसिटी, कच्चा माल सगळं काही मुंबई महाराष्ट्रातले चालेल. चालणार नाही तो फक्त महाराष्ट्रातला मराठी माणूस !"
— SushmaTai Andhare (@andharesushama) July 25, 2024
AryaGold कंपनीच्या जाहिरातीत Non-Maharashtrian हि प्रमुख अट घातली आहे!!
महाराष्ट्राचे सरकार महाराष्ट्रासाठी आहे की गुजरातची मुनिमगीरी करण्यासाठी आहे ? pic.twitter.com/FMwB1zoGSs
खबर फैलने के बाद स्थानीय मराठी लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया। मी मराठी नंबर 1 नाम के एक यूजर ने टिप्पणी की, "मराठी लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है। और हमारे अपने मराठी लोग इसका समर्थन कर रहे हैं। मराठी समुदाय को जागने में और कितने दिन लगेंगे?"
#मराठी माणसाला नोकरी देणार नाही. मराठी भाषा बोलणार नाही.
— मी मराठी (@MeMarathi_No1) July 25, 2024
आणि आपलीच मराठी माणसं ह्याचं समर्थन करणार.
अजून किती दिवस? कधी जागे होणार मराठी बांधव?
हिऱ्यांचा व्यापारी/उद्योजक आहे हा पण. बहुतेक गुजरातचाच असेल. आश्चर्ज नाही ह्यात.#AryaGold#Maharashtrapic.twitter.com/QlbiY2OppQ
हालांकि कड़े विरोध के बाद आर्य गोल्ड ने नौकरी विवरण से “गैर-महाराष्ट्रियन” मानदंड हटा दिया।