मुंबई को मिली पहली जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला

By भाषा | Updated: August 4, 2021 17:53 IST2021-08-04T17:53:11+5:302021-08-04T17:53:11+5:30

Mumbai gets first genome sequencing laboratory | मुंबई को मिली पहली जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला

मुंबई को मिली पहली जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला

मुंबई, चार अगस्त नगर निगम द्वारा संचालित नायर अस्पताल में मुंबई की पहली जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला शहर को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक अतिरिक्त लाभ प्रदान करेगी क्योंकि नयी सुविधा कम समय में बड़ी संख्या में नमूनों का विश्लेषण कर सकती है और उत्परिवर्ती (म्यूटेंट) की पहचान भी कर सकती है। यह हॉटस्पॉट क्षेत्रों में विशेष रूप से उपयोगी साबित होगी। अस्पताल ने बुधवार को यह बात कही।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने डिजिटल माध्यम से प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।

वहीं, बच्चों में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) के लिए स्पिनराज़ थेरेपी भी टीएन मेडिकल कॉलेज ऐंड बीवाईएल नायर चैरिटेबल अस्पताल में शुरू की गई है।

ठाकरे ने डिजिटल माध्यम से आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि 100 साल पहले स्पेनिश फ्लू महामारी के दौरान स्थापित किया गया नायर अस्पताल एक दूसरी सदी के लिए जनता के स्वास्थ्य के देखभाल की तैयारी कर रहा है।

ठाकरे ने यह भी कहा कि भारत में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी जैसी स्थितियों के लिए दवाएं उपलब्ध कराना समय की मांग है, क्योंकि इलाज की लागत करोड़ों में है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर भी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि इस स्थिति से किसी बच्चे की मौत न हो।

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) टाइप 1 से पीड़ित एक वर्षीय वेदिका शिंदे की 16 करोड़ रुपये का जीवन रक्षक इंजेक्शन दिये जाने के हफ्तों बाद रविवार को पुणे जिले के एक अस्पताल में मौत हो गई।

स्पिनराज़ स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) विरासत में मिले गतिशील, अपक्षयी न्यूरो-मस्कुलर विकारों के एक समूह से होता है, जिसमें बच्चे सांस लेने में विफलता के कारण कम उम्र में मर जाते हैं या वे जीवन भर व्हीलचेयर पर रहते हैं।

ठाकरे ने राज्य सरकार या मुंबई नगर निगम की मदद के बिना नयी सुविधाओं की स्थापना के लिए अस्पताल की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा, ''अस्पताल 100 साल पहले समाजसेवियों के सहयोग से स्थापित किया गया था और आज भी दानदाता आगे आए हैं। यह परंपरा है।''

चार सितंबर, 1921 को स्थापित नायर अस्पताल सुपर-स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों सहित विभिन्न चिकित्सा व संबद्ध शाखाओं में व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करता है।

अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ''इस संस्थान ने समाज को ऐसे चिकित्सा दिग्गज प्रदान किए हैं, जिन्होंने दशकों से निस्वार्थ स्वास्थ्य सेवाएं दी हैं और हम इस गौरवशाली संस्कृति व परंपरा को अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए जारी रखने को लेकर तत्पर हैं।''

अगली पीढ़ी के जीनोम अनुक्रमण (एनजीएस) रोगजनकों के लक्षणों के वर्णन की एक विधि है। इस तकनीक का उपयोग आरएनए या डीएनए के पूरे जीनोम या लक्षित क्षेत्रों में न्यूक्लियोटाइड के क्रम को निर्धारित करने के लिए किया जाता है, जो वायरस के दो उपभेदों के बीच अंतर को समझने में मदद करता है, जिससे म्यूटेंट की पहचान होती है।

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