Mukesh Sahani Father Murder Live: पुलिस जांच पर भरोसा नहीं, महानिदेशक आरएस भट्टी से मिले वीआईपी नेता, अभियुक्त काजिम अंसारी गिरफ्तार, सूदखोरी पैसे का विवाद...

By एस पी सिन्हा | Updated: July 18, 2024 17:41 IST2024-07-18T17:39:47+5:302024-07-18T17:41:19+5:30

Mukesh Sahani Father Murder Live: वीआईपी महासचिव और पूर्व आईपीएस अधिकारी ब्रजकिशोर सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति के नेतृत्व में शिष्टमंडल पुलिस महानिदेशक आर एस भट्टी से मिला और एक आवेदन पत्र सौंपा।

Mukesh Sahani Father Murder Live update No faith in police investigation VIP leaders meet Dgp RS Bhatti accused Kazim Ansari arrested dispute over usury money | Mukesh Sahani Father Murder Live: पुलिस जांच पर भरोसा नहीं, महानिदेशक आरएस भट्टी से मिले वीआईपी नेता, अभियुक्त काजिम अंसारी गिरफ्तार, सूदखोरी पैसे का विवाद...

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Highlights 10 से 15 लोग घटनास्थल के समीप लाठी डंडे के साथ खड़े हैं।10 जुलाई की रात्रि का सीसीटीवी फुटेज चलाया जा रहा है।आवेदन में कई सवाल भी उठाए गए हैं।

पटनाः वीआईपी प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या मामले को लेकर वीआईपी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व आईपीएस अधिकारी ब्रजकिशोर सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल आज बिहार के पुलिस महानिदेशक आर एस भट्टी से मिला और उन्हें एक आवेदन पत्र सौंपा। मृतक के भतीजे पवन सहनी द्वारा लिखे आवेदन पत्र में कहा गया है कि इस हत्या मामले में पुलिस द्वारा मीडिया में दिए जा रहे बयान से अनुसंधान की दिशा भटकाने की आशंका है। आवेदन में कई सवाल भी उठाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि अनुसंधान अभी तक अत्यंत ही प्रारंभिक अवस्था में है। मीडिया में 10 जुलाई की रात्रि का सीसीटीवी फुटेज चलाया जा रहा है जिसमे बताया जा रहा है कि 10 से 15 लोग घटनास्थल के समीप लाठी डंडे के साथ खड़े हैं।

सवाल उठाया गया है कि कुछ इनलोगों की पहचान कर इनसे पूछताछ की गई है। आवेदन के जरिये यह सवाल उठाया गया है कि मीडिया में कुछ कागजात दिखाए जा रहे है। क्या ये कागजात तालाब से बरामद बॉक्स के अंदर से मिले हैं? अगर हां तो यह किसने दिया और देने वाले का मकसद कही अनुसंधान को भटकाने की मंशा तो नहीं है? इसकी जांच होनी चाहिए।

अगर ये कागजात बॉक्स के अंदर से नहीं मिले, तो फिर इन्हें कौन और किस कारण से वितरित कर रहा है? आवेदन में कहा गया है कि अभी तक पुलिस के अनुसार सिर्फ एक अपराधी पकड़ा गया है। अपराध में उपयोग किये गए हथियार की भी बरामदगी नहीं हो पाई है। फिर भी लगता है कि अनुसंधानकर्ता जल्दबाजी में अनुसंधान को बंद करना चाहता है।

यह भी गौरतलब है कि अभी अन्य सह अभियुक्त आजाद हैं और उनसे पूछताछ नही हो पाया है। क्या एक मात्र अपराधी की बातों को मानकर अनुसंधान के निष्कर्ष पर पहुंचना उचित है? पत्र के जरिये मांग की गई है कि अनुसंधान में साक्ष्यों का संकलन किया जाये तथा जब सारे साक्ष्य इकट्ठे हो जाये तब उनका विश्लेषण करके निष्कर्ष पर पहुंचा जाए।

अभी, जब साक्ष्य संकलन का कार्य चल ही रहा है तब हत्या के कारण के संबंध में निष्कर्ष पर शीघ्र पहुंच जाना न केवल जल्दबाजी है बल्कि अनुसंधान की दिशा के भटकने की प्रबल संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस मामले में किसी षड्यंत्र की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। शिष्टमंडल ने आग्रह किया है कि अनुसंधान समाप्त होने पर कांड का विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट से करवाया जाय।

बता दें कि जीतन सहनी के हत्या के मामले में बुधवार को पुलिस ने खुलासा किया था कि पैसे को ब्याज पर लेनदेन के मामले में हत्या की गई है। इस मामले में एक अभियुक्त काजिम अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया और पूरे मामले की जड़ सूदखोरी के पैसे का विवाद निकला है। बताया गया कि आरोपित ब्याज माफी के लिए दबाव बना रहा था और जीतन सहनी ने जमीन का कागजात भी गिरवी रखा था। हत्या की रात का पूरा सच भी पुलिस ने बताया है।

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