मुगल गार्डन का नाम बदल कर 'अमृत उद्यान' हुआ, आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर सरकार ने बदला नाम
By शिवेंद्र राय | Published: January 28, 2023 04:38 PM2023-01-28T16:38:01+5:302023-01-28T17:02:48+5:30
13 एकड़ में फैले इस उद्यान में अनेक प्रकार के फूल देखे जा सकते हैं जिसमें गुलाब, गेंदा, स्वीट विलियम, ट्यूलिप आदि प्रमुख हैं। इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन का नाम बदल दिया गया है। अब यह खूबसूरत बाग अमृत उद्यान के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर नाम में बदलाव किया है। हर साल की तरह इस बार भी आम लोगों के लिए इस खूबसूरत बाग के खुलने का समय आ गया है लेकिन इस बार लोगों को इसका नाम मुगल गार्डन की जगह अमृत उद्यान लिखा नजर आएगा।
बता दें कि राष्ट्रपति भवन के पीछे के भाग में स्थित मुगल गार्डन (अब अमृत उद्यान) अपने किस्म का अकेला ऐसा उद्यान है जहां विश्वभर के रंग-बिरंगे फूलों की छटा देखने को मिलती है। यहां विविध प्रकार के फूलों और फलों के पेड़ों का संग्रह है। यहां के ट्यूलिप और गुलाब के फूलों का दीदार करने के लिए देश भर से लोग आते हैं।
13 एकड़ में फैले इस उद्यान में ब्रिटिश शैली के साथ-साथ मुगल शैली का भी मिश्रण दिखाई देता है। इस उद्यान के वास्तुकार ब्रिटेन के सर एडविन लुटियंस थे। यह उद्यान चार भागों में बंटा हुआ है। उद्यान में अनेक प्रकार के फूल देखे जा सकते हैं जिसमें गुलाब, गेंदा, स्वीट विलियम, ट्यूलिप आदि प्रमुख हैं। इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं।
इस साल दर्शकों के दीदार के लिए यह उद्यान 31 जनवरी को खुलेगा और 26 मार्च तक दो माह तक के लिए खुला रहेगा। उद्यान खुलने का समय सुबह 10 बजे और बंद होने का शाम 4 बजे होता है। यहां सोमवार के अलावा सभी दिनों दर्शक आ सकते हैं। इस उद्यान में अकेले गुलाब की ही 250 से भी अधिक किस्में हैं। भारत के अब तक जितने भी राष्ट्रपति हुए हैं,सभी को यह 13 एकड़ में फैला उद्यान बेहद पसंद रहा है।
प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने इस खास बाग को जनता के लिए खोलने की बात की थी। उन्हीं की वजह से प्रति वर्ष मध्य-फरवरी से मध्य-मार्च तक यह आम जनता के लिए खोला जाता है।