मुंबई, 11 मार्च महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) ने राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से सरकारी नौकरियों के लिए 14 मार्च को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा को बृहस्पतिवार को एक बार फिर टाल दिया।
इस फैसले की सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल कांग्रेस और राकांपा तथा विपक्षी भाजपा ने भी आलोचना की है।
राहत एवं पुनर्वास विभाग ने एक परिपत्र में निर्णय की घोषणा की है। इससे पहले यह परीक्षा पिछले साल अप्रैल में होनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने फैसले को लेकर सवाल किए हैं।
पुणे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा, “ अगर सरकार शादी समारोह, बजट सत्र और स्वास्थ्य विभाग के लिए परीक्षा लेने की इजाजत दे सकती है तो फिर एमपीएससी की परीक्षा को रद्द करना गलत है।”
उन्होंने कहा कि यह अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी है। ‘वे कब तक एमपीएससी के लिए तैयारी करेंगे? अगर सरकार अन्य कार्यक्रमों की इजाजत दे सकती है तो उसे एमपीएससी के लिए अलग मापदंड नहीं अपनाना चाहिए।”
भाजपा नेता देवेंद्र फणडवीस ने मांग की परीक्षा को रद्द करने का फैसला वापस लिया जाए।
उन्होंने ट्वीट किया, “ परीक्षा को पहले ही आगे बढ़ाया जा चुका है और इस वजह से कई छात्र मौका गवां देंगे जिन्होंने तैयारी में अपने कीमती साल लगाए हैं।”
राकांपा विधायक और पार्टी प्रमुख के पोते रोहित पवार ने ट्वीट किया कि परीक्षा निष्पक्ष और सुरक्षित तरीके से कराई जा सकती है।
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