मप्र : नदी में प्रदूषण की जांच में लापरवाही पर थाना प्रभारी को मैदानी ड्यूटी से हटाया गया
By भाषा | Published: July 14, 2021 01:41 PM2021-07-14T13:41:09+5:302021-07-14T13:41:09+5:30
इंदौर, 14 जुलाई मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में अजनार नदी के पास हानिकारक रसायनों वाला औद्योगिक अपशिष्ट फेंके जाने के मामले की जांच में कथित लापरवाही पर क्षेत्रीय थाना प्रभारी को मैदानी ड्यूटी से हटाते हुए पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने बुधवार को बताया कि इस मामले की जांच में कथित लापरवाही पर मानपुर थाने के प्रभारी हितेंद्र सिंह राठौर को तत्काल प्रभाव से पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि महू के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया है कि वह नदी को प्रदूषित करने के मामले में जांचकर्ता अधिकारी और थाना प्रभारी की कथित लापरवाही के बारे में जांच कर सात दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपें।
अधिकारियों ने बताया कि लम्बे समय से औद्योगिक अपशिष्ट फेंके जाने के कारण न केवल अजनार नदी का पानी प्रदूषित हो गया है, बल्कि आस-पास के भूमिगत जल स्रोतों से भी प्रदूषित पानी निकल रहा है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में भारतीय दंड विधान और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की संबद्ध धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है और विस्तृत जांच के जरिये पता लगाया जा रहा है कि यह अपशिष्ट किन कारखानों से लाया गया था?
अधिकारियों ने बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर अजनार नदी और इसके आस-पास के प्रदूषित क्षेत्र को एक निजी अपशिष्ट निवारण कंपनी की मदद से प्रदूषणमुक्त किया जा रहा है।
गौरतलब है कि अजनार नदी को प्रदूषित करने वाले लोगों को गिरफ्तार किए जाने की मांग को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर के नेतृत्व में रविवार को फूट तालाब गांव से मानपुर पुलिस थाने तक रैली निकाल कर प्रदर्शन किया गया था।
पाटकर ने कहा था कि अजनार नदी इंदौर, खरगोन और धार जिलों के लगभग 50 गांवों के लोगों के लिए पेयजल एवं सिंचाई का प्रमुख स्रोत है और इसके प्रदूषण से खासकर आदिवासियों और उनके मवेशियों के जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।