मध्यप्रदेश में अवैध उत्खनन को लेकर सियासत गर्मा गई है. भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है और अवैध उत्खनन को बढ़ावा देने वाली सरकार बनाया है. वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अवैध उत्खनन रोकने कार्रवाई न किए जाने पर मुख्यमंत्री निवास पर अनशन पर बैठने की चेतावनी दे डाली है.
जबकि अवैध उत्खनन को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वाले सहकारिता मंत्री डा. गोविंद सिंह ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि उनके पत्र लिखे जाने के बाद भिंड और दतिया में अवैध उत्खनन बंद हो गया है. कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लेकर शिवराज सरकार के कार्यकाल को कोसा और कहा कि कमलनाथ सरकार प्रदेश में अवैध उत्खनन बंद कराएगी.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में नदियों और खदानों से अवैध उत्खनन बढ़ा है. प्रदेश सरकार के मंत्री खुद यह बात कह रहे हैं कि अवैध उत्खनन के गोरखधंधे से आ रहा पैसा ऊपर तक जा रहा है.
सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रदेश की जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी सरकार में सबसे ऊपर कौन है और अवैध उत्खनन का पैसा किसके पास जा रहा है. मुख्यमंत्री से यह सवाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह ने मीडिया से चर्चा के दौरान किया.
उन्होंने कहा कि मंत्री डा. गोविंद सिंह का बयान मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार की छत्रछाया में चल रही अवैध उत्खनन की बंदरबांट को उजागर करता है. सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार का कर्ताधर्ता मुख्यमंत्री होता है और इस नाते मुख्यमंत्री कमलनाथ को यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्रदेश के मुखिया वे ही हैं, या उनसे भी ऊपर कोई है जो सरकार चला रहा है. मंत्री डॉ. गोविंद सिंह द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि अवैध उत्खनन से हो रही कमाई किस के पास तक जा रही है.
नेता प्रतिपक्ष ने दी अनशन पर बैठने की चेतावनी
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवैध उत्खनन को लेकर सरकार द्वारा अगर कार्यवाही नहीं की गई तो मैं प्रदेश के पर्यावरणविदों एवं कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री निवास के सामने अनशन पर बैठ जाऊंगा. उन्होंने कहा कि जब तक अवैध उत्खनन का काला बाजार बंद नहीं हो जाता मेरा अनशन जारी रहेगा.भार्गव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि सरकार के ही वरिष्ठ सदस्य सामान्य प्रशासन मंत्री डा. गोविंद सिंह द्वारा प्रदेश में अवैध उत्खनन के बारे में जो पीड़ा जाहिर की है.वह उनकी अंतरात्मा की आवाज है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शासन एवं प्रशासन ने प्रदेश के 52 जिलों में पिछले 6 महीनों में हुई कार्यवाही में मात्र 3 करोड रुपए की वसूली की है. जिस प्रकार से रेत का अवैध उत्खनन एवं बिक्री हो रही है और प्रदेश की नदियों का सीना छलनी करके बड़ी-बड़ी मशीनों से उत्खनन हो रहा है. कम से कम जुर्माने की राशि 1 हजार गुना अधिक होकर 3 हजार करोड़ रुपए होनी थी.
शिवराज के कार्यकाल में चरम पर रहा अवैध उत्खनन
मध्य प्रदेशकांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि जिनकी 15 वर्ष की सरकार में अवैध उत्खनन चरम पर रहा, गोरखधंधा बना रहा. प्रदेश अवैध उत्खनन के मामले में देश के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल रहा, वह शिवराज सिंह किस मुंह से कांग्रेस की 8 माह की सरकार पर अवैध उत्खनन के आरोप लगा रहे है.
उन्होंने कहा कि यह सही है कि भाजपा के 15 वर्ष के राज में अवैध उत्खनन एक गंभीर बीमारी बन चुका है. आठ माह की कांग्रेस सरकार इसको रोकने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. हमारी सरकार ने ही अवैध उत्खनन को बढ़ावा देने वाली पिछली रेत नीति को भी खत्म कर नई रेत नीति बनायी है. लगातार हम अवैध रेत उत्खनन को रोकने को लेकर, नई रेत नीति पर जनता से पारदर्शी तरीके से सुझाव मांग रहे हैं, लगातार हमारी सरकार अवैध उत्खनन को रोकने की दिशा में कड़े कदम उठा रही है. यह सही है कि इस गंभीर रोग का इलाज करने में समय लगेगा, लेकिन यह भी सच्चाई है कि कमलनाथ सरकार इस रोग को जड़ से समाप्त कर देगी.
गोविंद सिंह ने भिंड, दतियां में बंद हो गया अवैध उत्खनन
प्रदेश में अवैध खनिज उत्खनन के मामले में कतिपय समाचार पत्रों द्वारा लिखा गया है कि मेरे द्वारा यह कहा गया कि कुछ विधायक जो सिंधिया गुट के हैं, मेरे खिलाफ गुटबाजी कर साजिश कर रहे हैं. मेरे द्वारा ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया और ना ही सिंधिया का नाम लिया गया. मेरा आशय प्रदेश में अवैध खनिज उत्खनन के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने से है तथा इस संबंध में कार्रवाई तेज हुई है. भिंड एवं दतिया जिलों में अवैध खनिज उत्खनन बंद हो गया है.