मोटर दुर्घटना अधिकरणः डॉक्टर को मिले 35 लाख, सड़क हादसे में जान गवाने वाले युवक के पिता को 10.18 लाख रुपये का मुआवजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 7, 2019 05:54 PM2019-10-07T17:54:04+5:302019-10-07T17:54:04+5:30
मलकागंज निवासी मनीष सिंह मुखर्जी नगर की ओर जा रहे थे, जब एक लापरवाही से चलाई जा रही कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तीस वर्षीय एमबीबीएस डॉक्टर हिंदू राव अस्पताल से एनेस्थेसियोलॉजी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे।
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने एक चिकित्सक को 35 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा देने का आदेश दिया है। एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी, जिससे उनके दोनों पैर स्थायी रूप से काम करने की स्थिति में नहीं रह गए थे।
मलकागंज निवासी मनीष सिंह मुखर्जी नगर की ओर जा रहे थे, जब एक लापरवाही से चलाई जा रही कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तीस वर्षीय एमबीबीएस डॉक्टर हिंदू राव अस्पताल से एनेस्थेसियोलॉजी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे।
यह दुर्घटना 20 मार्च, 2016 को हुई थी, जिसमें उनके अंग स्थायी रूप से अक्षम हो गए। एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी एस एस मल्होत्रा ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस से कहा कि वह कुमार को मानसिक और शारीरिक सदमे, सुविधाओं की क्षति और आय के नुकसान के लिये 35.16 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान करें।
अधिकरण ने सिंह को परिचारक और व्हीलचेयर खरीदने पर किये गए खर्च के लिये भी मुआवजे का भुगतान करने को कहा। अपने हालिया आदेश में अधिकरण ने हालांकि कहा कि सिंह की अशक्तता को कार्यात्मक विकलांगता नहीं माना जा सकता, क्योंकि वह बैठकर सारे पेशेवर काम कर सकते हैं। अधिकरण ने सिंह को भविष्य की कमाई के नुकसान के लिये तीन लाख रुपये देने का आदेश दिया। अधिकरण ने गौर किया कि उनकी स्थायी विकलांगता से उनकी सेवानिवृत्ति के समय कुछ मुश्किलें आ सकती हैं।
सड़क हादसे में जान गवाने वाले युवक के पिता को 10.18 लाख रुपये का मुआवजा
महाराष्ट्र में ठाणे मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने 2013 में सड़क हादसे में जान गंवाने वाले 18 वर्षीय युवक के माता-पिता को 10.18 लाख रुपये का मुआवजा दिया है। एमएसीटी के सदस्य आरएन रोकडे ने दुर्घटना में शामिल वाहन के मालिक को मृतक के माता-पिता को मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है।
यह आदेश पिछले महीने जारी किया गया है। ठाणे के भिवंडी शहर में रहने वाले रमज़ान फखरुद्दीन शेख और उनकी पत्नी लतीफा शेख ने अधिकरण को बताया था कि उनका बेटा एजाज़ शेख शहर की एक पेकैजिंग कंपनी में काम करता था और 10,000 रुपये महीना कमाता था।
पांच जून 2013 को वह एक जीप में अन्य लोगों के साथ मुंबई से नासिक जिले के चांदवाड जा रहा था। चालक गाड़ी पर से नियंत्रण खो बैठा और जीप सड़क डिवाइडर से टकराकर पलट गई। गाड़ी में सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एजाज़ शेख समेत कुछ अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए। कई दिनों तक मुंबई के सायन अस्पताल में इलाज चलने के बाद 11 जुलाई 2013 को उसकी मौत हो गई।