मोरबी पुल हादसा: मरम्मत की जगह फुटब्रिज और केबल को केवल पेंट-पॉलिश कर दिया! कोई जांच नहीं, ओरेवा ग्रुप पर उठ रहे सवाल
By विनीत कुमार | Updated: November 2, 2022 10:13 IST2022-11-02T07:47:02+5:302022-11-02T10:13:12+5:30
गुजरात के मोरबी में पुल गिरने के हादसे के बाद पूरे मामले की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। बड़ा सवाल ओरेवा ग्रुप को लेकर उठ रहा है जिसे मरम्मत कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

मोरबी पुल हदसे के बाद जांच में हो रहे चौंकाने वाले खुलासे (फोटो- ट्विटर, एएनआई)
मोरबी: गुजरात के मोरबी में हैंगिंग ब्रिज के गिरने की जांच कर रहे सरकारी अधिकारियों को कई खामियां नजर आई हैं जो संभवत: इस बड़े हादसे की वजह बने। जांच में ये बात सामने आई है कि 143 साल पुराने इस पुल की मरम्मत से पहले और बाद में इसका स्ट्रक्चरल ऑडिट (संरचनात्मक ऑडिट) नहीं किया गया था।
इसके अलावा कुछ ऐसी सामग्री का भी इस्तेमाल किया गया जिससे इसका वजन काफी बढ़ गया होगा। साथ ही किसी इमरजेंसी में रेस्क्यू और लोगों को निकालने आदि की कोई योजना तैयार नहीं थी। पुल को लेकर इन तकनीकी बातों के अलावा, जिस तरह से ओरेवा ग्रुप को पुल के नवीनीकरण का ठेका दिया गया था और जैसा काम इस ग्रुप के द्वारा किया गया, उसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'ऐसा लगता है कि ठेकेदार ने 26 अक्टूबर को पुल को जनता के लिए फिर से खोलने से पहले केवल सभी केबलों को पेंट और पॉलिश किया है। हमें अब तक यह पुष्टि करने के लिए कुछ भी सबूत नहीं मिला है कि उन खराब हो चुके केबलों में से कोई भी बदल दिया गया है। हम अब इस पहलू पर विस्तार से जांच कर रहे हैं।'
दिसंबर तक था समय पर पहले ही खोल दिया गया पुल
सूत्रों ने कहा कि ठेकेदार को मरम्मत का काम पूरा करने के लिए दिसंबर तक का समय दिया गया था, लेकिन दिवाली और गुजराती नव वर्ष के अवसर पर त्योहारों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए इसे जल्दी खोल दिया गया। बता दें कि मोरबी में माच्छू नदी पर बना ये फुटब्रिज रविवार शाम करीब 6.30 बजे ढह गया। हादसे के समय करीब 400 लोग इस पर खड़े थे और नीचे नदी में जा गिरे।
वहीं, पुल गिरने की वजहों की तलाश में लगी इंजीनियरों की टीम ने कहा कि अगर नवीनीकरण किया गया है तो जिन सामग्री का इस्तेमाल मरम्मत में हुआ होगा, उससे भी वजन बढ़ा होगा और इसने पुल को कमजोर बनाने में भूमिका निभाई होगी। साथ ही पुल पर उसकी क्षमता से कहीं अधिक लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिससे केबल टूटने का खतरा बढ़ गया।
शुरुआती निरीक्षण के आधार पर तकनीकी टीम का मानना है कि इस क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले किसी व्यक्ति द्वारा पुल का मरम्मत न तो किया गया था और न ही बाद में इसका मूल्यांकन किया गया। अधिकारी ने कहा, 'यह काम स्पष्ट रूप से स्थानीय वेंडर्स और उप-ठेकेदारों द्वारा बिना किसी विशेषज्ञ के पूरा किया गया था। हम जांच कर रहे हैं कि क्या इसकी अनुमति दी गई थी और कैसे।'