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वक्त से पहले केरल पहुंचा मॉनसून, आपके शहर में भी जल्द देगा दस्तक

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: May 29, 2018 21:59 IST

दक्षिणी तट पर मानसून के पहुंचने को ही देश में चार माह तक चलने वाले बारिश के मौसम की शुरुआत माना जाता है।

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नई दिल्ली, 29 मई: मौसम विभाग ने दक्षिण पश्चिम मॉनसून के मंगलवार को केरल की समुद्री सीमा में पहुंचने की पुष्टि करते हुए अगले 48 घंटों में इसके तटीय कर्नाटक तक अपनी पहुंच बनाने का अनुमान व्यक्त किया है। हालांकि, विभाग ने दिल्ली सहित अन्य मैदानी इलाकों में दक्षिण पश्चिमी मानसून के पहुचंने का कोई पूर्वानुमान व्यक्त करने से बचते हुये सिर्फ इतना ही कहा कि अगर मौसम का रुख मौजूदा हालात के मुताबिक ही रहा तो देश के अधिकांश इलाकों में मानसून सामान्य रहने और पूर्व निर्धारित तिथि के मुताबिक ही पहुंचने की उम्मीद है। 

इसके मुताबिक दिल्ली में हर साल मानसून के दस्तक देने की पूर्व निर्धारित सामान्य तारीख 29 जून, मुंबई में 10 जून और राजस्थान में 15 जुलाई तक मानसून सक्रिय होने की उम्मीद है। इस बीच दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में गर्मी का प्रकोप जारी रहने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि दक्षिणी तट पर मानसून के पहुंचने को ही देश में चार माह तक चलने वाले बारिश के मौसम की शुरुआत माना जाता है। राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र की प्रमुख डा. के सती देवी ने आज बताया कि देश में पिछले एक महीने से मौसम के रुख में लगातार महसूस किये जा रहे उतार चढ़ाव की वजह से इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून तय समय से तीन दिन पहले केरल पहुंच गया है। हालांकि केरल के भूभाग इलाकों में मानसून एक जून तक ही पहुंचेगा। 

डॉ सती ने बताया कि मानसून को बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की ओर से उत्तर भारत की ओर धकेलने वाली पूर्वी और पश्चिमी हवाओं की गति और रुख यदि पूर्वानुमान के मुताबिक ही रहा तो देश में मानसून अपनी पूर्व निर्धारित समयसीमा में सक्रिय होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के असर को देखते हुये पूर्वोत्तर क्षेत्रों में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण पूर्वोत्तर राज्यों नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में अगले 48 घंटों में दक्षिण पश्चिमी मानसून का असर देखने को मिल सकता है। 

उन्होंने बताया कि दक्षिण तट से देश में मानसून पहुंचने की पूर्व निर्धारित समय सीमा एक जून है और इसे पूरे देश में सक्रिय होने में डेढ़ महीने का समय लगता है। मौसम के पूर्वानुमान से जुड़ी निजी एजेंसी ‘स्काईमेट’ ने भी मानसून के कल केरल पहुंचने की घोषणा की।

मानसून के आगमन संबंधी मानकों के मुताबिक मौसम विभाग के देशव्यापी 14 केद्रों में से अगर 60 फीसदी केन्द्रों में 10 मई के बाद लगातार दो दिनों तक 2.5 मिलीमीटर या उससे ज्यादा बारिश दर्ज की जाती है तब मानसून के आगमन की घोषणा की जा सकती है। इसके अलावा पछुआ हवा (पश्चिम से चलने वाली हवा) के समुद्र तल से 15000 फीट की ऊंचाई पर होना भी एक मानक है।

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