"मोहन भागवत तानाशाही के खिलाफ खड़े हों, लोकतंत्र के समर्थन में 'इंडिया' गठबंघन का समर्थन करें", संजय राउत का संघ प्रमुख के दशहरा भाषण पर तंज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: October 24, 2023 13:26 IST2023-10-24T13:20:13+5:302023-10-24T13:26:20+5:30
संजय राउत ने दशहरा के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत से अपील की कि वो देश के मौजूदा हालात में लोकतंत्र की रक्षा के लिए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का समर्थन करें।

"मोहन भागवत तानाशाही के खिलाफ खड़े हों, लोकतंत्र के समर्थन में 'इंडिया' गठबंघन का समर्थन करें", संजय राउत का संघ प्रमुख के दशहरा भाषण पर तंज
मुंबई: शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने दशहरा के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत से अपील की कि वो देश के मौजूदा हालात में लोकतंत्र की रक्षा के लिए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का समर्थन करें।
राज्सयसभा सांसद संजय राउत ने मंगलवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दशहरा पर्व पर नागपुर में दिये भाषण पर कहा, "हम तो चाहते हैं कि अगर अलग-अलग विचारधारा वाले लोग इंडिया गठबंधन में शामिल हों और तानाशाही के खिलाफ लड़ने में हमारी मदद करें। इसलिए हम तो चाहेंगे कि संघ प्रमुख मोहन भागवत इस देश को, देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन का समर्थन करें।"
राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हमने देखा है कि आपातकाल के दौरान अलग-अलग विचार रखने वाले लोगों के साथ संघ के नेता भी जेल में थे। आपातकाल के बाद में वे भारतीय जनता पार्टी के साथ आए और जनता पार्टी बनाई और तानाशाही के खिलाफ लड़े।"
उन्होंने आगे कहा, "आपको यह जानना चाहिए कि आपातकाल में जेल जाने वाले लाल कृष्ण आडवानी अभी भी जीवित हैं। दिवंगत अटल जी भी जेल में थे। उस वक्त भी अलग-अलग विचार के लोग एकसाथ जेल में थे, जिनमें जयप्रकाश नारायण भी थे। हमें मोहन भागवत जी को यह बतानी होगी, यह इस देश का दुर्भाग्य है।"
दरअसल 'विजयदशमी उत्सव' के मौके पर संघ प्रमुख भागवत ने नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में आयोजित में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया में और भारत में कुछ लोग हैं, जो नहीं चाहते कि भारत आगे बढ़े। अलग-अलग गुट समाज में उन्माद पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।
राउत ने भागवत के इस कथन का जवाब देते हुए कहा कि अगर मोहन भागवत इस बात को लेकर अगर विपक्ष की ओर संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं तो उन्हें संघ की ओर से इंडिया गुट में शामिल होने वाला पहला व्यक्ति होना चाहिए क्योंकि आज देश का लोकतंत्र खतरे में है।