"मोदी सरकार देश पर तानाशाही थोपना चाहती है", संजय राउत ने संसद के विशेष सत्र के बुलावे पर कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 15, 2023 08:57 AM2023-09-15T08:57:26+5:302023-09-15T09:00:07+5:30

संजय राउत ने केंद्र द्वारा 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाने पर कहा कि यह सरकार देश की न्यायिक प्रणालियों और चुनाव आयोग पर भी कब्ज़ा करना चाहती है। ऐसा हो सकता है कि वे देश पर तानाशाही थोप दें।

"Modi wants to impose dictatorship on the country", Sanjay Raut said on the call of special session of Parliament | "मोदी सरकार देश पर तानाशाही थोपना चाहती है", संजय राउत ने संसद के विशेष सत्र के बुलावे पर कहा

फाइल फोटो

Highlightsसंजय राउत ने केंद्र द्वारा 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाने पर की आलोचना राउत ने कहा कि सरकार देश की न्यायिक प्रणालियों और चुनाव आयोग पर कब्ज़ा करना चाहती हैऐसा हो सकता है कि वे संसद का विशेष सत्र बुलाकर इस देश पर तानाशाही थोप दें

मुंबई: शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाने की आलोचना करते हुए बेहद तीखा हमला किया है। राउत ने 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र पर बोलते हुए बीते गुरुवार को कहा, "यह सरकार देश की न्यायिक प्रणालियों और चुनाव आयोग पर भी कब्ज़ा करना चाहती है। ऐसा हो सकता है कि वे देश पर तानाशाही थोप दें।''

दरअसल केंद्र सरकार ने आगामी 18 से 22 सितंबर तक पांच दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है। काफी विचार मंथन के बाद विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' खेमे की 24 पार्टियां केंद्र के बुलाये गये संसद के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए सहमत हो गई हैं। विशेष सत्र के अलावा सनातन धर्म के विवाद पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "मुझे लगता है कि यह अब विवादास्पद नहीं है। एमके स्टालिन साहब द्वारा इस विषय पर स्पष्टीकरण दे दिया गया है।"

सनातन विवाद उस समय सत्ता के गलियारों में भारी विवाद का मुद्दा बन गया था, जब तमिलनाडु के मंत्री और द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन ने बीते दिनों तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि सनातन धर्म का 'उन्मूलन' किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों से भी की थी, जिसकी भाजपा द्वारा कड़ी निंदा की गई थी।

वहीं मराठा आरक्षण पर बोलते हुए राउत ने कहा, "महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद गंभीर है। स्थिति असामान्य है। एक युवा 17 दिनों से भूख हड़ताल कर रहा है और सरकार को कोई चिंचा नहीं है।"

दरअसल महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन ने उस वक्त विवाद की शक्ल ले ली थी, जब बीते 1 सितंबर को पुलिस और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे लोगों के बीच झड़प हो गई थी और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया था।

वहीं इस विवाद के साथ मराठा मोर्चा के समन्वयक के तौर पर काम करने कर रहे और मराठा आरक्षण के लिए पिछले कुछ हफ्तों से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल ने शिंदे सरकार की आलोचना करते हुए भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया था। हालांकि उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के साथ इस मुद्दे को लेकर व्यापक बातचीत की थी लेकिन विवाद के हल में अभी बी दोनों पक्षों को किसी तरह की सफलता नहीं मिल पाई है।

जारांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी अध्यादेश में बदलाव की मांग की है। उनका रुख है कि जब तक महाराष्ट्र सरकार अध्यादेश में जरूरी बदलाव नहीं करती वो अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे। इस बीच बीते सोमवार को मराठा आरक्षण पर मुंबई के सह्यादरी गेस्ट हाउस में सर्वदलीय बैठक हुई।

बैठक के समापन के बाद महाराष्ट्र के सीएम शिंदे ने कहा कि सरकार ने मराठों को आरक्षण देने का फैसला किया है और प्रदर्शनकारियों की कई मांगें मान ली गई हैं। सीएम शिंदे ने कहा, "बैठक में हमने मराठों को आरक्षण देने का फैसला किया है। सरकार का विचार अन्य जातियों को मिलने वाले आरक्षण को छुए बिना मराठा को आरक्षण देने का है।"

उन्होंने आगे कहा, "मराठों को आरक्षण देने का फैसला कानूनी रूप से वैध होना चाहिए और इसे कानून में कायम रहना चाहिए, इसलिए हम इस पर काम कर रहे हैं। सरकार ने प्रदर्शनकारियों की कई मांगों को भी स्वीकार कर लिया है।"

Web Title: "Modi wants to impose dictatorship on the country", Sanjay Raut said on the call of special session of Parliament

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