आसनसोल/तपन/रातुआ (पश्चिम बंगाल), 22 अप्रैल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैली में मतदाताओं को '' उकसाने '' के लिए 2018 के आसनसोल दंगों का जिक्र किया। इसके साथ ही ममता ने कहा कि यह उनके जैसे कद के किसी व्यक्ति के लिए ‘अशोभनीय’ है
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने दिन में तीन रैलियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह "शर्म की बात" है कि प्रधानमंत्री ने ऐसी "भड़काऊ’’ टिप्पणियों से लोगों को प्रभावित करने की कोशिश की।
ममता ने कहा, ‘‘आप, विभिन्न समुदायों के सदस्य, एक साथ सद्भाव में रह रहे हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने आसनसोल का दौरा किया और कई आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं... उन्होंने दंगों का मुद्दा उठाया और भड़काऊ बयान दिए। यह किसी प्रधानमंत्री या किसी गृह मंत्री को शोभा नहीं देता।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान 2018 में रामनवमी के दौरान आसनसोल में हुए दंगों का जिक्र किया था और हिंसा के लिए परोक्ष रूप से तृणमूल पर दोषारोपण किया था।
ममता ने कहा कि दंगों में अपने बेटे को खोने वाले स्थानीय मस्जिद के इमाम ने कहा था कि वह और खूनखराबा या मौत नहीं चाहते। उन्होंने कहा,‘‘ हमारे प्रधानमंत्री जो कहते हैं, इमाम के शब्द उसके विपरीत हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न समुदायों के लोग यहां शांति से रहते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री दंगों के मुद्दे को उठाते हैं।"
ममता ने दावा किया कि उन्हें "पता चला है कि प्रधानमंत्री द्वारा आसनसोल में अपनी रैली शुरू करने से कुछ मिनट पहले मंच से कवि काजी नजरूल इस्लाम की एक तस्वीर मंच से हटा दी गयी थी।’’ उन्होंने कहा कि मीडिया को इसकी पुष्टि करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "कवि नजरुल इस्लाम बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि हैं लेकिन उनका जन्म बंगाल में, चुरुलिया गांव में हुआ था। हमने उनके नाम पर एक विश्वविद्यालय और अंडाल हवाई अड्डे का नाम रखा है। वह हमारे गौरव हैं।"
इससे पहले ममता ने तपन में एक चुनावी रैली में कहा कि केंद्र को कोविड-19 रोधी टीकों की खुराक की अलग-अलग कीमत की अनुमति नहीं देनी चाहिए और लोगों को यह टीका मुफ्त में दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोविशील्ड की कीमत केंद्र के लिए150 , राज्यों के लिए 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये रखी गई है। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, ‘‘क्या यह मजाक है? आखिर एक टीका अलग-अलग कीमत पर क्यों बेचा जा रहा है? टीके का वाणिज्यीकरण नहीं होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) में केंद्र के पास काफी धन है लेकिन वह मुफ्त टीका उपलब्ध नहीं करवाएगा। आखिर वे (केंद्र के नेता) इन दिनों जरूरतमंदों की मदद क्यों नहीं कर सकते?’’
ममता ने आरोप लगाया कि ‘‘कोविड-19 के मामलों में बढ़ोत्तरी देश के लिए मोदी की देन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक आपने (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने) कुछ नहीं किया, आपने लोगों को सचेत नहीं किया या समय रहते जरूरी एहतियात नहीं बरती। अब मामलों के बढ़ने के बीच आप लोगों से टीके की खुराक खरीदने और टीका लगवाने के लिए कह रहे हैं।’’
ममता ने इजराइल का उल्लेख किया जहां मास्क पहनना अब अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में क्या हुआ? अब तक मोदी सरकार ने राज्यों को खुद टीकाकरण अभियान चलाने की अनुमति नहीं दी और इसी के कारण इस प्रक्रिया में देरी हुई।’’
तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने 43 लाख लोगों को टीके की खुराक दी है, इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब तक हमने 40,000 से 50,000 लोगों का हर दिन टीकाकरण किया है। राज्य ने टीके की एक करोड़ खुराक की मांग की है।’’
उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार फिर से बनने पर 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का मुफ्त में टीकाकरण किया जाएगा।
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