उद्धव ठाकरे ने कहा- सीएम बनने पर पीएम मोदी ने किया था फोन, केंद्र को करनी चाहिए किसानों की मदद
By रामदीप मिश्रा | Published: December 1, 2019 07:24 PM2019-12-01T19:24:33+5:302019-12-01T19:24:33+5:30
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि तीनों दलों के नेता (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस) पोर्टफोलियो के आवंटन पर चर्चा के लिए एक बैठक करेंगे।
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार (01 दिसबंर) को प्रदेश की विधानसभा में बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उन्हें फोन किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को राज्य में किसानों की मदद करनी चाहिए। विपक्षी नेताओं को प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए और किसानों के लिए वित्तीय सहायता की मांग करनी चाहिए।
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि तीनों दलों के नेता (शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस) पोर्टफोलियो के आवंटन पर चर्चा के लिए एक बैठक करेंगे। 6 मंत्रियों के लिए आवंटन जल्द से जल्द किया जाएगा। इसके आगे भी आवंटन किया जाएगा।
इससे पहले सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं एक भाग्यशाली मुख्यमंत्री हूं क्योंकि जो लोग मेरे विरोध में थे वे अब मेरे साथ हैं और जो पहले मेरे सपोर्ट में थे अब विपक्ष में हैं। मैं यहां अपनी किस्मत और लोगों के आशीर्वाद की वजह से हूं। मैंने कभी किसी को नहीं बताया कि मैं यहां आऊंगा, लेकिन मैं आ गया।'
उन्होंने कहा, 'मैंने देवेंद्र फड़नवीस से बहुत सी चीजें सीखी हैं और मैं हमेशा उनसे दोस्ती रखूंगा। मैं अभी भी 'हिंदुत्व' की विचारधारा के साथ हूं और इसे कभी नहीं छोड़ूंगा। पिछले 5 वर्षों में मैंने कभी भी सरकार को धोखा नहीं दिया है।'
उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फड़नवीस से कहा, 'मैं आपको को 'विपक्षी नेता' नहीं कहूंगा बल्कि एक 'जिम्मेदार नेता' कहूंगा। अगर आप हमारे लिए अच्छे होते तो यह सब (भाजपा-शिवसेना में फूट) नहीं होता।'
आपको बता दें कि 'महाराष्ट्र विकास आघाडी' गठबंधन ने बीते दिन शनिवार को विश्वासमत हासिल किया। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों की गिनती शुरू होने से पहले बीजेपी अपने 105 विधायकों के साथ वाकआउट कर गई थी। पार्टी ने कहा था कि मंत्रियों को शपथ ग्रहण कराये जाने के गैर कानूनी तरीके और जिस तरीके से सदन का सत्र बुलाया गया, उसके खिलाफ यह बहिष्कार किया गया। कुल 169 विधायकों ने विश्वासमत के समर्थन में वोट डाला था।
गौरतलब है कि 21 अक्टूबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 105 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। वहीं, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी।