मोदी सरकार का फैसला, दिव्यांगों के लिए प्राइवेट चैनलों को हर सप्ताह सांकेतिक भाषा में न्यूज बुलेटिन करना होगा जारी
By रामदीप मिश्रा | Published: September 11, 2019 07:13 PM2019-09-11T19:13:06+5:302019-09-11T19:13:06+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार ने दिव्यांग के लिए एक और निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हमने सभी निजी चैनलों से सप्ताह में एक बार सांकेतिक भाषा में समाचार बुलेटिन को प्रसारित करने के लिए अनुरोध किया है,
देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने दिव्यांगों को रोजमर्रा की खबरों से रूबरू करवाने के लिए एक नया निर्णय लिया है, जिसके तहत देश के सभी प्राइवेट चैनलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सप्ताह में दिव्यांगों के लिए एक प्रोग्राम जरूर बनाएं। यह प्रोग्राम उन्हें सांकेतिक भाषा में करने होंगे।
इस संबंध में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि मोदी सरकार ने दिव्यांग के लिए एक और निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हमने सभी निजी चैनलों से सप्ताह में एक बार सांकेतिक भाषा में समाचार बुलेटिन को प्रसारित करने के लिए अनुरोध किया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। साथ ही साथ दिशानिर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
Prakash Javadekar, Union Min of Info& Broadcasting: Modi govt has taken one more decision for Divyang (specially-abled persons). We requested all private channels to host a news bulletin in sign language once a week. It has been accepted as well. Guidelines have also been issued pic.twitter.com/khOKmtxLm9
— ANI (@ANI) September 11, 2019
बता दें इससे पहले केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरुआती सौ दिनों के दौरान किए महत्वपूर्ण कामों का लेखाजोखा पेश किया था। उन्होंने दावा किया था कि जनहित के जो काम इस सरकार ने किये है, इससे पहले शायद किसी सरकार ने ऐसे काम नहीं किये हैं।
उन्होंने बताया था कि मोदी सरकार के सौ दिनों के कामों ने देश के नागरिकों को अधिकार संपन्न बनाया है, देश के विकास में लोगों की भागीदारी बढ़ी है, साथ ही व्यवस्था में भी पारदर्शिता आई है। जावड़ेकर ने जम्मू कश्मीर से संविधान का अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी घोषित करने और तीन तलाक की कुप्रथा को अपराध घोषित करने को सौ दिनों के शुरुआती कार्यकाल के सबसे अहम और साहसिक फैसले बताया था।
उन्होंने कहा था कि इस दौरान किये गये तमाम फैसलों की तैयारी लोकसभा चुनाव से पहले ही कर ली गई थी। इसमें देश की अर्थव्यवस्था को पांच खरब अमेरिकी डॉलर के स्तर तक ले जाने के लक्ष्य को भी पूरा करने की कार्ययोजना भी शामिल है जिसे सरकार ने लागू करने का रोडमैप पिछले कार्यकाल में ही तय कर लिया था।