केंद्र की मोदी सरकार ने मेडिकल एडमिशन को लेकर बड़ा फैसला किया है। सरकार ने मेडिकल एडमिशन में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण को मंजूरी दे दी है। जिसके बाद इन वर्गों से आने वाले छात्रों को फायदा मिल सकेगा। सरकार के फैसले से करीब साढे पांच हजार स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा और यह आरक्षण 2021-22 सत्र से शुरू होगा।
इस फैसले के बाद एमबीबीएस और बीडीएस के साथ ही पोस्ट ग्रेजुएट और डिप्लोमा स्तर के मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश के लिए इन वर्गों से संबंधित स्टूडेंट्स को सहूलियत मिलेगी। इस बारे में देश के स्वास्थ्य मंत्री ने एक ट्वीट किया और इस बारे मे जानकारी दी है।
परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि देश में पिछड़े तथा कमजोर आय वर्ग के उत्थान और उन्हें आरक्षण देने को सरकार प्रतिबद्ध है। आरक्षण के लागू होने के बाद देश के करीब 1500 ओबीसी स्टूडेंट्स को और पोस्ट ग्रेजुएट्स में 2500 ओबीसी स्टूडेंट्स को फायदा हो सकता है। एमबीबीएस में 550 ईडब्ल्यूएस और पोस्टग्रेजुएशन में इस वर्ग के करीब 1000 छात्रों को फायदा मिल सकता है।
अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल/डेंटल कोर्स (एमबीबीएस/एमडी/एमएस/डिप्लोमा/बीडीएस/एमडीएस) करने वालों को यह लाभ मिल सकेगा।
पीएम मोदी ने की थी आरक्षण की समीक्षाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटे में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) आरक्षण के मुद्दे की सोमवार को आयोजित बैठक में समीक्षा की थी। संबंधित मंत्रालयों को इसे प्राथमिकता के आधार पर हल करने का निर्देश दिया गया था। बताया जा रहा है कि बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कानून एवं न्याय और समाज कल्याण सचिवों के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए थे। चिकित्सा अभ्यर्थियों की ओर से चिकित्सा शिक्षा के अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी आरक्षण देने की लंबे समय से मांग की जा रही है। देश की विभिन्न अदालतों में कई मुकदमे भी हुए हैं लेकिन यह मामला लंबे समय से लंबित है।
राजग के ओबीसी सांसदों ने पीएम से मुलाकात कर की थी मांगइससे पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सांसदों के एक प्रतिनिधमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटे में ओबीसी और आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण लागू करने की मांग की थी। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के भूपेंद्र यादव, गणेश सिंह, सुरेद्र सिंह नागर और अपना दल (सोनेलाल) की अनुप्रिया पटेल शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को एक पत्र सौंपा और अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट चिकित्सा पाठ्यक्रमों में ’ऑल इंडिया कोटा’ में ओबीसी और आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण लागू करने की मांग की। पत्र में लिखा गया, ‘‘हम...अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट चिकित्सा पाठ्यक्रमों में ’ऑल इंडिया कोटा’ में ओबीसी और आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) उम्मीदवारों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का आपसे आग्रह करते हैं।’’