पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एसपीजी कवर हटाने पर सवाल, गृह मंत्रालय ने कहा- बरकरार रहेगी Z+ सुरक्षा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 26, 2019 10:22 IST2019-08-26T09:46:02+5:302019-08-26T10:22:29+5:30
Manmohan Singh SPG Cover: कैबिनेट सचिवालय और गृह मत्रालय ने इंजेलिजेंस एजेंसियों से इनपुट के आधार पर समीक्षा की और मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाने का फैसला किया है।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एसपीजी कवर हटाने पर सवाल, गृह मंत्रालय ने कहा- बरकरार रहेगी Z+ सुरक्षा
नरेंद्र मोदी सरकार जल्द ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटा सकती है। द हिंदू ने एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कैबिनेट सचिवालय और गृह मत्रालय ने इंजेलिजेंस एजेंसियों से इनपुट के आधार पर समीक्षा की और मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाने का फैसला किया है। यह समीक्षा तीन महीने तक चली जिसमें मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी पर खतरों की पड़ताल की गई। हालांकि रीसर्च और एनालिसिस विंग और इंटेलिजेंस ब्यूरो ने आधिकारिक रूप से इस पर कुछ नहीं कहा है। माना जा रहा है कि मौखिक रूप से पूर्व प्रधानमंत्री को इस फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि मौजूदा सुरक्षा कवर की समीक्षा एक नियमित अभ्यास है जिसे सुरक्षा एजेंसियां खतरों की समीक्षा के आधार पर करती हैं। मंत्रालय ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह की Z+ सुरक्षा बरकरार रहेगी।
इस फैसले के बाद इलीट प्रोटेक्शन फोर्स के करीब 3 हजार अधिकारी अब सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। गौरतलब है कि मनमोहन सिंह की बेटी भी एसपीजी सुरक्षा के लिए योग्य हैं लेकिन उन्होंने 2014 में इसे स्वेच्छा से छोड़ दिया था।
Ministry of Home Affairs (MHA): The current security cover review is a periodical and professional exercise based on threat perception that is purely based on professional assessment by security agencies. Dr. Manmohan Singh continues to have a Z+ security cover. pic.twitter.com/qYxxg2abI3
— ANI (@ANI) August 26, 2019
राज्यसभा सदस्य के रूप में छठी बार शपथ
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 23 अगस्त को राज्यसभा के सदस्य के रूप में छठी बार शपथ ली। सिंह राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य पुन: चुने गए हैं। उनका निर्वाचन निर्विरोध हुआ है क्योंकि भाजपा ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया था। भाजपा के राज्यसभा सदस्य मदनलाल सैनी के निधन के बाद यह सीट रिक्त हुई थी जिसके बाद यह सीट प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के पास चली गयी है। सिंह का ऊपरी सदन में कार्यकाल इस साल 14 जून को समाप्त हो गया था।
पूर्व में उन्होंने राज्यसभा में करीब 28 वर्ष असम का प्रतिनिधित्व किया था। राज्यसभा सदस्य के रूप में यह उनका छठा कार्यकाल होगा। वह इससे पहले 1991, 1995, 2001, 2007 और 2013 में राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। वह 1998 से 2004 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे और प्रधानमंत्री के रूप में 2004 से 2014 तक सदन के नेता थे। सिंह सदन के चौथे सर्वाधिक आयु के सदस्य हैं।
सदन में 96 वर्षीय राम जेठमलानी, 91 वर्षीय मोतीलाल वोरा और 88 वर्षीय सी पी ठाकुर उनसे अधिक आयु के सदस्य हैं। अधिकारी ने बताया कि राज्यसभा में 79 वर्षीय महेंद्र प्रसाद का सातवां कार्यकाल, जेठमलानी का छठा कार्यकाल और वोरा का चौथा कार्यकाल है।