मोदी सरकार ने किया दावा- देश में सांप्रदायिक तनाव में गिरावट आई, अपनाई जा रही है 'जीरो टॉलरेंस' की नीति

By भाषा | Updated: July 24, 2019 15:42 IST2019-07-24T15:42:46+5:302019-07-24T15:42:46+5:30

सांप्रदायिक हिंसा के मामलों का रिकॉर्ड दर्ज करने और इन आंकड़ों के स्रोत से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2014 से देश में सांप्रदायिक घटनाओं का रिकॉर्ड दर्ज करना शुरू किया है।

Modi government has claimed that communal tension has declined in the country, | मोदी सरकार ने किया दावा- देश में सांप्रदायिक तनाव में गिरावट आई, अपनाई जा रही है 'जीरो टॉलरेंस' की नीति

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Highlightsकेन्द्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में देश में सांप्रदायिक तनाव में कमी आने का दावा किया है। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में खुफिया ब्यूरो (आईबी) के आंकड़ों के हवाले से बताया कि 2013 में सांप्रदायिक घटनाओं के 823 मामले दर्ज किये गए।

केन्द्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में देश में सांप्रदायिक तनाव में कमी आने का दावा किया है। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में खुफिया ब्यूरो (आईबी) के आंकड़ों के हवाले से बताया कि 2013 में सांप्रदायिक घटनाओं के 823 मामले दर्ज किये गये, जबकि 2018 में इनकी संख्या घटकर 708 रह गयी।

रेड्डी ने कहा, ‘‘यह वास्तविकता है कि देश में सांप्रदायिक घटनाओं में कमी आयी है। सांप्रदायिक हिंसा या किसी अन्य प्रकार की हिंसा के प्रति हमारी सरकार का इरादा ‘जीरो टॉलरेंस (कतई बर्दाश्त नहीं करने)’ की नीति का पालन करने का है।’’

सांप्रदायिक हिंसा के मामलों का रिकॉर्ड दर्ज करने और इन आंकड़ों के स्रोत से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में रेड्डी ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2014 से देश में सांप्रदायिक घटनाओं का रिकॉर्ड दर्ज करना शुरू किया है।

हालांकि इसे 2017 में बंद करना पड़ा क्योंकि पहले (आईबी) इन मामलों के जो रिकार्ड दर्ज करती थी उसमें संबद्ध राज्य सरकारों द्वारा दर्ज प्राथमिकता से भिन्नता पायी गयी। इस पर राज्य सरकारों द्वारा रिकॉर्ड में भिन्नता पर आपत्ति दर्ज करने के कारण एनसीआरबी ने 2017 में इसका रिकार्ड दर्ज करना बंद कर दिया।

सांप्रदायिक हिंसा रोकने के लिये अलग से कानून बनाने के सवाल पर उन्होंने मौजूदा कानून को पर्याप्त बताते हुए कहा कि सांप्रदायिक तनाव और हिंसा से निपटने के लिए नया कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है। केन्द्र सरकार समय समय पर राज्य सरकारों को इस बारे में खुफिया जानकारियां साझा करने के साथ साथ परामर्श भी जारी करती रहती है। 

Web Title: Modi government has claimed that communal tension has declined in the country,

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