मोदी ने असम के भूमिहीन मूल निवासियों के लिए जमीन के पट्टों का किया वितरण

By भाषा | Published: January 23, 2021 12:59 PM2021-01-23T12:59:28+5:302021-01-23T12:59:28+5:30

Modi distributed land pattas to the landless natives of Assam | मोदी ने असम के भूमिहीन मूल निवासियों के लिए जमीन के पट्टों का किया वितरण

मोदी ने असम के भूमिहीन मूल निवासियों के लिए जमीन के पट्टों का किया वितरण

गुवाहाटी, 21 जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन मूल निवासियों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा वितरण अभियान की शुरुआत की और इस अवसर पर राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों पर आजादी के दशकों बाद भी लाखों आदिवासियों और असम के मूल निवासी परिवारों को भूमि स्वामित्व अधिकारों से वंचित रखने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा।

प्रधानमंत्री ने 10 लाभार्थियों को भूमि पट्टे का आवंटन प्रमाण पत्र भेंट करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत के लिए असम और पूर्वोत्तर का विकास जरूरी बताया और कहा कि इस दिशा में यह क्षेत्र भारत के एक महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में विकसित हो रहा है।

उन्होंने कोविड-19 टीकारकण अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय टीकों की मांग पूरी दुनिया में हो रही है।

प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे अपना नम्बर आने पर टीका जरूर लगवाएं और सावधानी बरतना भी जारी रखें।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वसरमा ने भी इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री मोदी अब तक उद्घाटन और शिलान्यास से संबंधित अपने अधिकतर कार्यक्रमों में डिजिटल माध्यम से जुड़ते रहे हैं। नये साल में दिल्ली के बाहर यह पहला ऐसा कार्यक्रम है जब खुद प्रधानमंत्री इसमें शरीक हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के इतने सालों बाद भी असम के मूल निवासियों को जमीन का अधिकार नहीं मिल पाया। उनकी आजीविका का संकट था लेकिन यह चिंता पहले की सरकारों की प्राथमिकता नहीं थी।’’

उन्होंने कहा कि राज्य में सोनोवाल के नेतृत्व में सरकार ने इस चिंता को दूर करने के लिए गंभीरता के साथ काम किया ताकि असम के मूल निवासियों की भाषा और संस्कृति के संरक्षण के साथ साथ भूमि से जुड़े उनके अधिकारों को सुरक्षित किया जा सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जमीन के अधिकार की यहां के मूल निवासियों की मांग पूरी होने से लाखों लोगों का जीवन स्तर बेहतर होने का रास्ता भी बना है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब इनको केंद्र व राज्य सरकार की दूसरी योजनाओं का लाभ मिलना भी सुनिश्चित हुआ है जिनसे वे अब तक वंचित थे। अब इन्हें भी प्रधामंत्री किसान सम्मान निधि, क्रेडिट कार्ड और फसल बीमा सहित अन्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।’’

उन्होंने कहा कि असम की लगभग 70 छोटी बड़ी जनजातियों को सामाजिक संरक्षण देते हुए उनका तेज विकास सरकार की प्रतिबद्धता रही है और इस दिशा में असम की संस्कृति, स्वाभिमान और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई तथा असमिया भाषा और साहित्य को प्रोत्साहन देने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए।

आत्मनिर्भर भारत के लिए पूर्वोत्तर और असम के विकास को ‘‘बहुत जरूरी’’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में असम के विकास के लिए बहुत काम किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार असम की जरूरतों की पहचान करके हर जरूरी चीजों पर तेजी से काम कर रही है। बीते छह सालों से असम सहित पूरे पूर्वोत्तर का संपर्क और अन्य जरूरी संसाधनों में अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है।’’

उन्होंने कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत पूर्वोत्तर के राज्यों का पूर्वी एशियाई देशों के साथ संपर्क बेहतर बनाया जा रहा है।

पिछले सालों में हुए विकास कार्यो का विवरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बेहतर संसाधनों के कारण ही असम आत्मनिर्भर भारत के महत्वपूर्ण सेक्टर के रूप में विकसित हो रहा है।’’

उन्होंने बताया कि लगभग पौने दो करोड़ गरीबों के जन धन बैंक खाते खोले गए इन्हीं खातों के कारण कोरोना के समय में भी असम की हजारों बहनों और लाखों किसानों के बैंक खाते में सीधी मदद भेजना संभव हो पाया।

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘समझौते के बाद हाल में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के पहले चुनाव हुए, प्रतिनिधि चुने गए। अब बोडो टेरिटोरियल काउंसिल विकास और विश्वास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी।’’

कोरोना महामारी के खिलाफ राज्य सरकार की लड़ाई की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने देशव्यापी टीकाकरण अभियान का जिक्र किया और कहा कि देश में अब तक लाखों लोग टीका लगवा चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जिसकी बारी आए वह टीके जरूर लगवाएं और यह भी याद रखें कि टीके एक नहीं दो बार लगाने जरूरी है। पूरी दुनिया में भारत में बने टीके की डिमांड हो रही है। भारत में भी लाखों लोग अब तक टीका लगा चुके हैं। हमें टीका भी लगवाना है और सावधानी भी जारी रखनी है।’’

असम में 2016 में 5.75 लाख मूल निवासी परिवार भूमिहीन थे। राज्य सरकार ने मई 2016 से 2.28 लाख आवंटन प्रमाण पत्र वितरित किए हैं। आज का समारोह इस प्रक्रिया का अगला कदम है।

सोनोवाल ने कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में असम में लोगों को जमीन के ‘पट्टे’ दिये जाएंगे।

जेरेंगा पठार का संबंध असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य से है।

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Web Title: Modi distributed land pattas to the landless natives of Assam

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