कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा मामला: बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने कर्नाटक के अपने समकक्ष के फैसले पर जताई असहमति
By एस पी सिन्हा | Published: July 13, 2019 07:56 PM2019-07-13T19:56:17+5:302019-07-13T19:56:17+5:30
चौधरी ने कहा है कि अध्यक्ष की ओर से हो रही देरी चौंकानेवाली है. ऐसा लगता है कि वह उनके द्वारा पार्टी व्हिप की अवेहलना को आधार बनाकर सदस्यों को अयोग्य घोषित करने के बारे में विचार कर रहे हैं.
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने में कर्नाटक के अपने समकक्ष केआर रमेश कुमार की ओर से हो रहे 'विलंब' पर असहमति जाहिर की है. विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में चौधरी ने कहा है कि यह मामला बेवजह खींचा जा रहा है. कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के पास कोई विकल्प नहीं बचता, जब सदस्यों ने व्यक्तिगत तौर पर उनसे मुलाकात की और अपने इस्तीफे सौंपे.
चौधरी ने कहा है कि अध्यक्ष की ओर से हो रही देरी चौंकानेवाली है. ऐसा लगता है कि वह उनके द्वारा पार्टी व्हिप की अवेहलना को आधार बनाकर सदस्यों को अयोग्य घोषित करने के बारे में विचार कर रहे हैं. हालांकि, उनका इस्तीफा उनकी पार्टियों द्वारा किसी भी तरह की व्हिप जारी करने से पहले आया है और अध्यक्ष की इस तरह की कार्रवाई नियमों के अनुरूप नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि इन विधायकों द्वारा पार्टी विह्प के संभावित उल्लंघन के इंतजार में इस फैसले को आगे बढ़ाना किसी भी सूरत में न्याय संगत नहीं दिखता है. उन्होंने कहा कि दसवीं अनुसूची के तहत कार्रवाई में भी तो सदस्यता ही समाप्त होती है. इन विधायकों द्वारा सार्वजनिक रूप से दिये गये इस्तीफे को स्वीकार नहीं करके इनकी सदस्यता समाप्त करने की बात सोचना औचित्य से परे दिखता है.